मेरठ: इस्लामिक मदरसों का नाम तो आपने सुना ही होगा. यहां तालीम देने वालों के बारे में भी आपने सुना होगा लेकिन क्या आपने यह सुना है कि इन मदरसों में अध्ययन करवाने वाले का उपनाम किसी हिंदू उपनाम की तरह हो. मगर उत्तरप्रदेश के मेरठ में ऐसा ही मदरसा आपको देखने को मिलेगा। दरअसल यहां के हिंदू बाहुल्य सरदार इलाके में मौजूद मदरसे के मौलाना शाहीन जमाली चतुर्वेदी का नाम आश्चर्य में डाल देता है. दरअसल मौलाना को चतुर्वेदी नाम सम्मान स्वरूप दिया गया है, उन्होंने संवेदनशील उत्तरप्रदेश में भाईचारा फैलाने के लिए सम्मान के तौर पर इस तरह की उपाधि प्रदान की है. दरअसल शाहीन जमाली चतुर्वेदी मदरसा इमादादुल इस्लाम के शेख उल हदस और प्रिंसिपल हैं. मौलाना ने मुफ्ती की उपाधि प्राप्त की लेकिन इसके बाद उन्होंने पीएचडी की उपाधि हासिल की, तो दूसरी ओर हिंदूओं के ग्रंथों का अध्ययन भी किया. दरअसल उन्हें चतुर्वेदी कहा जाता था तो उनके गुरू को पंडित भी कहा जाता था. वे जन्म से तो नहीं मगर अपने ज्ञान में पंडित थे. दरअसल भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू उनके गुरू बशीरूद्दीन के संस्कृत और प्राचीन हिंदू लेखों के ज्ञान से बेहद प्रभावित थे. उन्हें भी कर्नाटक में विद्वानों के कार्यक्रम में संस्कृत और वेदों पर ज्ञान प्रदान करने के लिए चतुर्वेदी का उदाहरण दिया गया।