28 वर्ष बाद जेल से घर लौटे पिता के गले लगकर रो पड़ी बेटी

28 साल पाक में रहकर और जासूसी के इलज़ाम में वहां की जेल में 8 वर्ष की सजा काटकर 58 वर्षके शमसुद्दीन कानपुर में अपने घर लौटे तो खुशी के मारे परिजनों रोने लगे। बेटियां पिता को गले से लगाकर रो पड़ीं वहीं उनकी बहन की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था। शमसुद्दीन का स्वागत करने पूरा कंघी मोहाल मोहल्ला उमड़ गया। घरवालों ने शमसुद्दीन को मिठाई खिलाकर अंदर प्रवेश करवाया गया। शमसु्द्दीन 26 अक्टूबर को पाक से स्वदेश लौटे थे तो उनको अमृतसर में क्वारंटाइन में रखा गया था। कानपुर पुलिस शमसुद्दीन को लाने कानपुर गई थी। वहां से कानपुर आने पर सीसामऊ सीओ त्रिपुरारी पांडेय ने उनका स्वागत किया और मुंह मीठा करवाया गया। पाक जेल में सजा काटकर 28 वर्ष के उपरांत घर लौटा तो बेटी लगे से लगकर रो पड़ी।

'मेरे लिए यादगार है यह दिवाली': जंहा इस बात का पता चला है कि शमसुद्दीन इतने सालों बाद परिवार से मिलकर बहुत खुश और भावुक हुए। उन्होंने कहा कि "हमारे लिए यह दिवाली यादगार बन गई है। मेरी बेटी का जन्म भी दिवाली के दिन हुआ था। अफसरों ने शमसुद्दीन को मुबारकबाद दीं। थाने में भाई फहीमुद्दीन ने कागजी औपचारिकता पूरी की। पुलिस शमसुद्दीन को उनके घर छोड़ने कंघी मोहाल तक साथ गई। घर के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ थी। लोगों ने स्वागत करते हुए शमसुद्दीन को फूल मालाओं से लाद दिया। घर के बाहर बेटी शमसुद्दीन के गले लगकर रो पड़ीं। रिश्तेदारों की आंखों में खुशी के आंसू थे।"

तीस साल पहले पाकिस्तान गए थे शमसुद्दीन: वहीं 30 साल पहले जूता कारीगर शमसुद्दीन कमाने के लिए कानपुर से दिल्ली गए थे। वहां एक रिश्तेदार के कहने पर वे काम की तलाश में पाक जा पहुंचे। वहां से लौटने का प्रयास कर रहे शमसुद्दीन को पाक की खुफिया एजेंसी ने पकड़ लिया था। शमसुद्दीन पर जासूसी का इलज़ाम लगा और वहां की अदालत ने उनको 8साल जेल की सजा सुनाई थी। शमसुद्दीन ने बताया कि पाकिस्तान की जेल में उनको यातनाएं सहनी पड़ीं। सजा काटने के बाद उनको रिहा किया गया जिसके बाद वो वतन वापस लौट पाए।

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