धार्मिक मान्यताओं को माने तो सभी अमावस्या में शनि अमावस्या को सबसे खास माना गया है। ऐसे में इस समय वैशाख का महीना चल रहा है। जी हाँ, इस बार वैशाख माह में 30 अप्रैल, दिन शनिवार को अमावस्या पड़ रही है। ऐसे में इस दिन शनिदेव की पूजा-अर्चना व स्नान दान का खास महत्व होता है। कहा जाता है इस दिन पीपल पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इसमें सभी देवी-देवताओं व पितरों का वास होता है। जी हाँ और ऐसे में अगर इस दिन पीपल पेड़ से जुड़े कुछ उपाय कर लिए जाएं तो व्यक्ति का भाग्य चमक उठता है। आज हम आपको उन्ही उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। * शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन पीपल पूजन करने से सौभाग्य बढ़ता है और पितृ प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद देते हैं। * ऐसी मान्यता है कि इस दिन पीपल के पेड़ में अन्य देवी-देवता और पितरों का वास होता है और अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। केवल यही नहीं बल्कि इस दिन 108 बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है साथ ही आयु में वृद्धि होती है। * शनिदेव की पीड़ा को शांत करने के लिए शनिवार के दिन पीपल का वृक्ष लगाने का विधान है। कहा जाता है जो लोग जीवन में पीपल का एक भी पौधा लगा देते हैं, उन्हें जीवन भर कोई भी संकट नहीं रहता। इसके अलावा यह मान्यता है कि इस पीपल के पौधे में रविवार के दिन छोड़कर नियमित रूप से जल भी अर्पित करना चाहिए। जी दरअसल यह वृक्ष बढ़ने के साथ ही आपकी सुख-समृद्धि में भी विकास होता है। * गीता में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं बताया है कि 'अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां' अर्थात मैं सब वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं' इस कथन में उन्होंने अपने आपको पीपल के वृक्ष के समान ही बताया है। इस वजह से धार्मिक दृष्टि से पीपल के पेड़ बेहद ही खास माना जाता है। वहीं शास्त्रों के अनुसार शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष को प्रणाम कर उसकी परिक्रमा करने से मानव की आयु लंबी होती है और जो व्यक्ति इस दिन पीपल के वृक्ष पर तिल, गुड़ मिश्रित जल अर्पित करता है उसके सभी पापों का नाश होता है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। * यह मान्यता है कि आर्थिक व मानसिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है। * अगर कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव के कारण आपको जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो सूर्योदय से पहले पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और इसके बाद शनिदेव से अपने कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करें। शनि साढ़े साती या ढैय्या से बचने के लिए घर में लगा लें यह पौधा 30 मई को है शनि जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त शनिवार को इस रंग के मोज़े पहनने वालों को शनिदेव बना देते हैं धनवान