आप सभी जानते ही हैं कि कल शनिवार है और कल के दिन भगवान शनि की पूजा बड़े लाभ देती है साथ ही उनकी आरती गाई जाए तो वह भारी लाभ दे सकती है. तो आइए जानते हैं आज भगवान शनि की आरती. भगवान शनि की आरती- ॐ शं शनैस्र्च्राय नम: ॐ भगभवाय विद्मेह मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनि प्रचोदयात , ॐ सूर्य पुत्राय नम:जय जय शनिदेव महाराज जन के संकट हरने वाले || तुम सूर्यपुत्र बलधारी , भय मानत दुनिया सारी जी | साधत हो दुर्गम काज || जन के ० || १ || तुम धर्म राज के भाई , जमकुरता पाई जी | घन गर्जन करत आवाज || जन के० ||२ || तुम नील देव विकरारी , भैसा पर करत सवारी जी | कर लोह गदा रहे साज || जन के ० ||३ || तुम भूपति रंक बनाओ , निर्धन सिर छत्र धराओं जी | समरथ हो करन मम काज || जन के ० || ४ || राजा को राज मिटायो , निज भक्तो फेर दिवायो जी | जग में हो रही जय जय कार || जन के ० ||५ || तुम हो स्वामी , हम चरण सिर करत नमामि जी | पुरवो जन जन की आस || जन के० || ६ || यह पूजा देव तिहारी हम करत दीन भव ते पारी जी | अंगीकृत करो कृपालु || जन के ० || ७ || प्रभु सूचि द्रष्टि निहारो , छभिये अपराध हमारों जी | हैं हाथ तिहारे ही लाज || जन के ० ||८ || हम बहुत विपति घबराये , सरनागति तुमरी आये जी | प्रभु सिद्ध करो सब काज || जन के ० || ९ || यह विनय ‘ भक्त ‘ सुनावे , नित जय जयकार मनावे जी | तुम देवं के सिर ताज || जन के ० || १० || एक नींबू से पता करें आप पर जादू टोना या तंत्रिका क्रिया हुई है या नहीं शुक्रवार को रखते हैं व्रत तो इस विधि से करें पूजन और जरूर सुने यह कथा कालाष्टमी की रात भगवान शिव को चढ़ाए यह चीज़, सभी रोग होंगे दूर