सूर्यदेव व देवी छाया के पुत्र शनिदेव को लोग कर्म फल दाता के नाम से भी जानते है, जो व्यक्ति को उसके कर्मों का उचित फल प्रदान करते है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष होता है, तो इसे दूर करने के लिए शनिदेव की कृपा बहुत जरूरी है और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन उनकी पूजा करने का विधान है. किन्तु यदि शनिवार के दिन अमावस्या पड़ती है, तो यह दिन और विशेष हो जाता है, इसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को शानिदोष से मुक्ति मिलती है व शनि कृपा से उसके जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनि से सम्बंधित इन उपायों को अपनाया जाए तो निश्चित ही शनि कि कृपा प्राप्त होती है व शनि दोष से मुक्ति मिलती है तो आइये जानते है शनि से सम्बंधित उपाय कौन से है? शनि दोष को दूर करने के उपाय – शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव के बीज मंत्र का जाप कर, उड़द की दाल से निर्मित खिचड़ी व तिल्ली से बने व्यंजनों का दान करने से शनि दोष समाप्त हो जाता है. यदि आप शनिदेव की ढैय्या से ग्रसित है, तो शनिश्चरी अमावस्या की रात्रि को 8 बादाम व 8 काजल की डिब्बी को एक काले वस्त्र के टुकड़े में बांधकर सिन्दूर में रखने से आपके ऊपर से शनि की ढैय्या समाप्त हो जाती है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन सात प्रकार के विभिन्न अनाजों को किसी पीपल के वृक्ष पर अर्पित कर उसके समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है तो इससे भी शनि दोष समाप्त हो जाता है. यह आसान से उपाय शनि के अशुभ प्रभाव को जड़ से करते है ख़त्म कुंडली पर अगर शनि विराजमान है तो जानें इसके प्रभाव बस यही काम शनि के दुष्प्रभाव से आपको बचा सकते है कुंडली में अगर शनि विराजमान है तो जाने सुख और दुख