आज यानी 30 अप्रैल 2022 को शनि अमावस्या है। आप सभी को बता दें कि शनि अमावस्या का संयोग उस समय बनता है, जब शनिवार के दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। जी हाँ और इस दिन शनि देव के उपाय करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है अमावस्या के दिन लोग गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और गरीबों को दान करते हैं। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा शनि अमावस्या के दिन लोग शनि देव की पूजा करते हैं और साढ़ेसाती एवं ढैय्या के दुष्प्रभावों से राहत पाने के लिए ज्योतिष उपाय करते हैं। इसी के साथ ही शनिदेव की विशेष कृपा पाने के लिए इस दिन आप कुछ मंत्रों का जाप कर सकते हैं। आज हम आपको उन मन्त्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। शनि का पौराणिक मंत्र ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। शनि का वैदिक मंत्र ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः। तांत्रिक शनि मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। शनि बीज मंत्र ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। सामान्य मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः। शनि गायत्री मंत्र ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात् * ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:। * ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: * मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:। * कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:। * सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।। शनि अमावस्या 2022 शुभ मुहूर्त - वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या शनिवार 30 अप्रैल, 2022 को है। जी हाँ और इसी दिन शनि अमावस्या भी है। आप सभी को बता दें कि अमावस्या तिथि 30 अप्रैल को देर रात 12 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 01 मई को देर रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। जी हाँ और ऐसे में उदया तिथि के आधार पर 30 अप्रैल को शाम को शनि देव की पूजा-अर्चना की जाएगी। शनि साढ़े साती या ढैय्या से बचने के लिए घर में लगा लें यह पौधा शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या शुरू होते ही दिखने लगते हैं ये संकेत होने जा रहा है शनि का राशि परिवर्तन, इन 4 राशिवालों को रहना होगा सावधान