चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को शनि प्रदोष की पूजा की जाती है. प्रत्येक माह में प्रदोष व्रत दो बार पड़ते हैं. किन्तु, प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ता है तो उसे शनि त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है. इस बार शनि प्रदोष का व्रत 6 अप्रैल यानी रखा जा रहा है. इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती एवं शनिदेव की उपासना की जाती है. शनि त्रयोदशी के दिन पूजा एवं व्रत रखने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं तथा सभी मनोकामना पूरी होने लगती हैं. शनि प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त:- चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरम्भ 6 अप्रैल यानी आज प्रातः 10 बजकर 19 मिनट पर होगा तथा तिथि का समापन 7 अप्रैल यानी कल सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर होगा. शनि प्रदोष के पूजन का मुहूर्त आज शाम 6 बजकर 42 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. शनि प्रदोष व्रत की सावधानियां और नियम:- 1. मंदिर एवं सारे घर में साफ सफाई का ध्यान रखें. 2. साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही भगवान महादेव और शनि की पूजा अर्चना करें. 3. शनि प्रदोष व्रत में मन में किसी तरीके के गलत विचार ना आने दें. 4. घर के सभी लोग आपस में सम्मान पूर्वक बात करें. 5. शनि प्रदोष व्रत में बड़ों का निरादर ना करें और ना ही माता पिता का निरादर करें. 6. शनि प्रदोष व्रत में हरे भरे पेड़-पौधों को ना तोड़ें. 7. सारे व्रत विधान में अपने आप को भगवान शिव एवं शनि को समर्पण कर दें. इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए क्या पड़ेगा इसका प्रभाव? 9 अप्रैल से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, जानिए कलश स्थापना का मुहूर्त 8 अप्रैल को लगने जा रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए भारत में दिखेगा या नहीं?