सनातन बोर्ड को लेकर द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी का बड़ा बयान, कहा- 'हमें मंदिर वापस चाहिए..'

द्वारका शारदा पीठम मठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने सनातन बोर्ड का गठन किए जाने पर उनका समर्थन किया.  उन्होंने इस बारें में कहा है कि हमारे मंदिर शासन के अधीन ही था. अब हमें अपने मंदिरों में राजनीति हस्तक्षेप बिलकुल भी नहीं करना चाहिए. इस बीच स्वामी सदानंद सरस्वती ने महाकुंभ की तारीफ  करते हुए बोला है कि यदि किसी को हमारे सनातन की एकता को देखना है तो उन्हें महाकुंभ में आकर देखें. 

द्वारका शारदा मठ के शंकराचार्य ने इस बारें में बोला है कि महाकुंभ में शामिल होने पर बोला है कि हम यहां धर्म की रक्षा के लिए हैं. सभी का अहम् उद्देश्य धर्म को और भी ज्यादा आगे बढ़ाना है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी हमारे धर्म के बारे में ज्यादा से ज्यादा समझ पाए . अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि ''आप देख रहे हैं भारत की एकता तो कुंभ में देख लीजिए. करोड़ों लोग एक ही घाट पर स्नान कर रहे हैं. अनेकता में एकता ऐसे ही सिद्ध की जा सकती है. व्यक्तिगत जीवन में, वर्ण व्यवस्था में अनेकता दिखाई पड़ेगी लेकिन हम सनातनी होने से सभी एक हैं.'' 

सनातन बोर्ड की मांग को लेकर किया समर्थन: विपक्षी दलों को लेकर शंकराचार्य ने इस बारें में बोला है कि उनका काम जो है वो कर रहे हैं, हमारा कार्य ये है तो हम ये कर रहे हैं. जब वो अपने दलों के अधिवेशन पर करोड़ों खर्च करते हैं तो कुछ भी नहीं है. ये सब मूर्खता पूर्ण बातें करने में लगे हुए है. शंकराचार्य ने इस बीच सनातन बोर्ड की मांग को भी जोर-शोर से उठाया और कहा कि हमें अपने मंदिर वापस चाहिए. 

स्वामी सदानंद सरस्वती ने अपनी बात को जारी रखते हुए बोला है कि ''हमारे मंदिरों की व्यवस्था शासनाधीन है. उसमें राजनीतिक हस्तक्षेप न हो इसलिए तो सनातन बोर्ड का निर्माण हो रहा है. हमें मंदिर वापस चाहिए, जब मस्जिद की व्यवस्था शासन के अधीन नहीं, गिरिजाघर की व्यवस्था शासन के अधीन नहीं, गुरुद्वारे की व्यवस्था शासन के अधीन नहीं तो हमारे तिरुपति बालाजी, बद्रीनाथ जी, द्वारिकाधीश  शासन के अधीन क्यों हैं? इसलिए तो सनातन बोर्ड का निर्माण किया जा रहा है. ''

 

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