मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में अकाल के मसले पर बुधवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. इससे पहले पवार ने पत्र भेजकर सीएम फडणवीस से अपील की थी कि 1972 के बाद पड़े सबसे भीषण अकाल को लेकर सरकार आवश्यक कदम उठाए. महाराष्ट्र के 21 हजार गांव सूखे से बुरी तरह जूझ रहे हैं, 151 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित की जा चुकी है. पूरे प्रदेश के बांधों में कुल 16 प्रतिशत पानी बचा है, जबकि मराठवाड़ा में केवल पौने पांच फीसद पानी है. मानसून आने में करीब एक महीना बचा है. विपक्षी दल फडणवीस सरकार पर अकाल से निपटने में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं. महाराष्ट्र के कुछ गांव भयंकर सूखे की चपेट में हैं. यवतमाल जिले का एक गांव निरंतर कई वर्षों से पड़ रहे सूखे की वजह से इतना बदनाम हो चुका है कि यहां कोई अपनी लड़की देने को राजी नहीं है. गांव के युवाओं की शादियां नहीं हो पा रही हैं. यवतामल ज़िले में स्थित आजंति गांव के लोगों को पानी की खोज में प्रतिदिन 2 – 3 किमी चलना पड़ता है. ऐसे में गांववासियों का अधिकतर समय पानी की सुविधा करने मे चला जाता है. हालात ये है कि युवाओं के पास काम पर जाने तक का वक़्त नहीं है. पानी के आभाव के कारण यहां युवाओं का विवाह नहीं हो पा रहा है. बंगाल में आज प्रचार का आखिरी दिन, दीदी के गढ़ में आज पूरे ताकत झोकेंगे पीएम मोदी सुषमा स्वराज का कांग्रेस पर हमला, कहा - इस मामले में विफल रही थी UPA सरकार कांग्रेस नेता का बड़ा बयान, कहा- चुनाव परिणाम के बाद इस पार्टी के साथ चले जाएंगी मायावती