शरद पूर्णिमा पर पृथ्वी पर आती हैं मां लक्ष्मी, खुश करने के लिए करें यह उपाय

हिंदू शास्त्र के मुताबिक़ सभी पूर्णिमा में आश्विन मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. इस बार शरद पूर्णिमा 13 अक्टूबर को है और ऐसा माना जाता है कि इस रात को चंद्रमा अपनी पूरी सोलह कलाओं के प्रदर्शन करते हुए नजर आता है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी या कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी पुकारते है। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर आती हैं और इस रात महालक्ष्मी को जो भी व्यक्ति जागते हुए दिखाई देता है और जो व्यक्ति उनकी पूजा ध्यान में लगा होता है उसे देवी लक्ष्मी की कृपा मिल जाती है.

मां लक्ष्मी को सुपारी बहुत पसंद है और सुपारी को उनकी पूजा में रखना चाहिए. पूजा के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेटकर उसका अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन करने के बाद तिजोरी में रख लेने से धन की कभी कमी नहीं होती है. शरद पूर्णिमा की रात में भगवान शिव को खीर का भोग लगाना चाहिए. इसी के साथ खीर को पूर्णिमा वाली रात को छत पर रख देने के बाद और भोग लगाने के बाद खीर का प्रसाद बांटना चाहिए और स्वयं खाना चाहिए. ऐसा करने से कभी पैसे की कमी नहीं होती.

ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को जब चारों ओर चांद की रोशनी बिखरी हुई होती है, तो उस समय मां लक्ष्मी का पूजा करने से व्यक्ति को धन लाभ अवश्य होता है। इस वजह से इस रात को माँ लसखमी का पूजन किया जाना शुभ माना जाता है.

13 अक्टूबर को है शरद पूर्णिमा, जानिए इस त्यौहार का महत्व

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