NDA की राह में है शरद यादव नाम का रोड़ा भी

तीसरे मोर्चे को लेकर बहस तेज हो रही है और सभी विपक्षी दल एक जुट होने के पहले अपनी अपनी पोजीशन लेने की कवायद में है ऐसे में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व नेता शरद यादव ने भी पिछले दिनों लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) नाम से नई पार्टी बना ली. गौरतलब है कि महागठबंधन सरकार के बनने में शरद यादव कि भूमिका को लेकर कई तरह की चर्चाये थी, बाद में नीतीश कुमार ने एनडीए से हाथ मिलाकर सरकार बना ली.

फ़िलहाल शरद के साथ  संतोष कुशवाहा, बिंदेश्वरी सिंह, बीनू सिंह यादव, राजेंद्र सिंह यादव, धर्मेंद्र सिंह, मनीष कुमार सिंह, चंदेश्वर प्रसाद यादव, वीभा सिंह, उत्पल वल्लभ, चंदन कुमार सिंह, राहुल रंजन, संजय रघुवर, उपेंद्र सिंह और अकरम सिद्दीकी एक स्वर है. ऐसे में जहा समूचा  विपक्ष एक जुट होकर बीजेपी को रोकने का प्रयास करना चाहता है, शरद यादव की भूमिका को नाकारा नहीं जा सकता. शरद यादव की नई पार्टी के उदेश्यों के बारे में एलजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रमई राम पहले ही कह चुके है कि नई पार्टी का गठन एनडीए सरकार को बाहर करने के लिए किया गया है.

उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के काम, व्यवहार, ईमानदारी और उनकी राष्ट्रीय छवि पार्टी को एक बड़े दल का आकार देगी. इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अर्जुन राय का भी कहना है कि एनडीए सरकार को बाहर करना एलजेडी का मुख्य उद्देश्य होगा.  बहरहाल शरद यादव की भूमिका को मौजूदा हालत में नाकारा नहीं जा सकता .

तेजस्वी महाभारत के अर्जुन - शत्रुघ्न

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