कहा जाता है नवरात्र के पावन दिनों में मां दुर्गा की उपासना में आरती का अपना महत्व है. कहते हैं इस दौरान कई तरह की आरतियां की जाती है. वहीं इस बार शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और माँ दुर्गा के इन दिनों के पहले दिन दो आरतियां की जाती हैं जिनमे शैलपुत्री माँ की आरती और माँ दुर्गा की आरती महत्वपूर्ण मानी जाती है. अब आज हम आपको पहले दिन की जाने वाली आरती माँ दुर्गा की आरती बताने जा रहे हैं जो आप कर सकते हैं. इसे करने से माँ खुश हो जाएगी. आइए जानते हैं यह आरती. माँ दुर्गा की आरती- आरती श्री अम्बा जी जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी. तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी.. जय अम्बे गौरी माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को. उज्जवल से दो‌उ नैना, चन्द्रवदन नीको.. जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै. रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै.. जय अम्बे गौरी केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी. सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी.. जय अम्बे गौरी कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती. कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति.. जय अम्बे गौरी शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती. धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती.. जय अम्बे गौरी चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे. मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे.. जय अम्बे गौरी ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी. आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी.. जय अम्बे गौरी चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ. बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु.. जय अम्बे गौरी तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता. भक्‍तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता.. जय अम्बे गौरी भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी. मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी.. जय अम्बे गौरी कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती. श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति.. जय अम्बे गौरी श्री अम्बेजी की आरती, जो को‌ई नर गावै. कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै.. जय अम्बे गौरी अगर आप नहीं रख रहे हैं नवरात्र का व्रत तो जरूर पढ़े या सुने यह कथा नवरात्रि में 9 दिन पढ़ें हर देवी का यह 1 मंत्र, मिलेगा मोक्ष नवरात्रि में दिख जाए यह चीज़ें तो समझ जाइए आपके साथ हैं मातारानी