आज इस मन्त्र और प्रसाद से करें माँ शैलपुत्री को खुश

आज शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है। आप सभी को बता दें कि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा की कृपा से घर में सुख-समृद्धि आती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार, पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। कहा जाता है पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या थीं, तब इनका नाम सती था।

इनका विवाह भगवान शंकरजी से हुआ था। जी दरअसल प्रजापति दक्ष के यज्ञ में सती ने अपने शरीर को भस्म कर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया। कहते हैं पार्वती और हैमवती भी उन्हीं के नाम हैं। वहीं उपनिषद् की एक कथा के अनुसार, इन्हीं ने हैमवती स्वरूप से देवताओं का गर्व-भंजन किया था। नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री का महत्व और शक्तियां अनन्त हैं। वहीं नवरात्र पूजन में प्रथम दिन इन्हीं की पूजा और उपासना करते हैं और इस दिन उपासना में योगी अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थित कर साधना करते हैं।

मां शैलपुत्री का स्वरूप- मां शैलपुत्री के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल है। कहा जाता है यह देवी वृषभ पर विराजमान हैं, जो पूरे हिमालय पर राज करती है।

मां शैलपुत्री का प्रसाद- मां शैलपुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित किया जाना चाहिए।

मां शैलपुत्री मंत्र- वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

आज इन 2 आरतियों से करें माँ दुर्गा का पूजन, होंगी खुश

आ गई मातारानी: इन संदेशों से दें अपनों को नवरात्र की बधाई

नवरात्रि में इन 4 राशि वालों पर बरसेगी मां अंबे की कृपा, बनेंगे बिगड़े काम

Related News