इन दिनों श्राद्ध पक्ष यानी पितृ पक्ष चल रहा है। आपको बता दें कि यह 10 सितंबर से शुरू हुआ है और 25 सितंबर को इसका समापन होने जा रहा है। वहीं इसके अगले दिन से यानी 26 सितंबर से नवरत्रि शुरू हो जाएगी। आपको बता दें कि अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में शारदीय नवरात्रि आरंभ होते हैं। ऐसे में इस बार शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर को विजय दशमी के दिन समाप्त होंगे। आपको बता दें कि हिंदू पंचांग के मुताबिक सालभर में कुल चार नवरात्रि आते हैं। जी हाँ और इनमें दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि शामिल है। हालाँकि सभी नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। आपको बता दें कि नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा हिमालय से पृथ्वी लोक में आती हैं और अपने भक्तों के घरों में 9 दिनों के लिए विराजमान होती हैं। वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार इन नौ दिनों तक मातारानी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं और उनके दुखों को हर लेती हैं। इसी के साथ ऐसी मान्यता है नवरात्रि का हर दिन मां के विशिष्ट स्वरूप को समर्पित होता है, और हर स्वरूप की अलग महिमा होती है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा अर्चना की जाती है। शारदीय नवरात्रि में इस बार दो बेहद शुभ संयोग में पधार रही हैं। शुक्ल योग 25 सितंबर को सुबह 09:06 से नवरात्रि के पहले दिन यानी 26 सितंबर को सुबह 08:06 बजे तक रहेगा। जबकि 26 सितंबर 2022 को सुबह 08।06 से ब्रह्म योग बन रहा है जो अगले दिन 27 सितंबर को सुबह 06:44 तक रहेगा। प्रतिपदा तिथि घटस्थापना शुभ मुहूर्त- घटस्थापना मुहूर्त सुबह का मुहूर्त – सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 55 मिनट तक दोपहर का मुहूर्त- 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक। शारदीय नवरात्रि 2022 तिथियां 26 सितंबर (पहला दिन)- मां शैलपुत्री की पूजा 27 सितंबर (दूसरा दिन)- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा 28 सितंबर (तीसरा दिन)- मां चंद्रघंटा की पूजा 29 सितंबर (चौथा दिन)- मां कुष्मांडा की पूजा 30 सितंबर (पांचवां दिन)- मां स्कंदमाता की पूजा 1 अक्टूबर (छठवां दिन)- मां कात्यायनी की पूजा 2 अक्टूबर (सातवां दिन)- मां कालरात्रि की पूजा 3 अक्टूबर (आठवां दिन)- मां महागौरी की पूजा 4 अक्टूबर- (नवां दिन)- मां सिद्धिदात्री की पूजा 5 अक्टूबर- दशमी तिथि- (व्रत पारण), नवरात्रि दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी या दशहरा पितरों को करना है प्रसन्न तो श्राद्ध पक्ष में करें ये काम घर में पूर्वजों की लगी तस्वीर कर सकती है आपको बर्बाद, रखे इन बातों का ध्यान पितृ पक्ष के दौरान भूल से भी ना करें इन चीजों का सेवन वरना नाराज हो जाएंगे पितर