मुंबई : पिछले सप्ताह हरे निशान में लौटे घरेलू शेयर बाजार पर आगामी सप्ताह सबसे अधिक एग्जिट पोल और चुनावी परिणाम का असर दिखेगा। इसके अलावा डॉलर की तुलना में रुपए की स्थिति, कच्चे तेल की कीमत और वैश्विक रुख भी निवेश धारणा को प्रभावित करेंगे। आलोच्य सप्ताह में घरेलू शेयर बाजार लगातार तीन सप्ताह की गिरावट से उबरने में कामयाब रहे। उत्पादन में कमी बनी महंगी तुअर दाल का कारण फिलहाल ऐसी है स्तिथि पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.25 प्रतिशत यानी 467.78 अंक की साप्ताहिक बढत में 37,930.77 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 128.25 अंक यानी 1.14 प्रतिशत की तेजी में 11,407.15 अंक पर बंद हुआ। दिग्गज कंपनियों के विपरीत छोटी और मंझोली कंपनियों को आलोच्य सप्ताह में बिकवाली का दबाव झेलना पड़ा। डॉलर की बढ़ती मांग के कारण पाकिस्तानी रुपये की हालत खस्ता आगे ऐसा रहेगा बाजार का हाल इसी के साथ बीएसई का मिडकैप 81.40 अंक यानी 0.57 प्रतिशत की गिरावट में 14,308.36 अंक पर और स्मॉलकैप 1.55 प्रतिशत यानी 218.59 अंक की गिरावट में 13,887.14 अंक पर बंद हुआ। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि आम चुनाव के एक्जिट पोल और चुनाव के परिणाम से जहां अगले सप्ताह बाजार की चाल तय होगी वही संभावित नई सरकार की नीतियों से भारी उथलपुथल हो सकती है जिससे निवेशकों विशेषकर छोटे निवेशकों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। घरेलू मांग सामान्य रहने से स्थिर रहे खाद्य तेलों के दाम इस कारण देशभर में बढ़ने लगी छत्तीसगढ़ी चावल की मांग पेट्रोल की कीमतों में 7 पैसे की कटौती, डीजल में नजर आई स्थिरता