असम को भारत से काटना चाहता है जो शरजील इमाम, उसकी बहन बन गई जज..!

नई दिल्ली: सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान असम को भारत से काटकर अलग करने की साजिश रचने वाले शरजील इमाम से जुड़ी एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस खबर में दावा किया गया है कि शरजील इमाम, जो पिछले चार साल से जेल में बंद हैं, की बहन फरहा निशात ने हाल ही में बिहार न्यायिक सेवा (BPSC) परीक्षा को पास कर लिया है और अब वह एक जज बनने जा रही हैं। 

यह जानकारी शरजील इमाम के भाई, मुजम्मिल इमाम ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए साझा की। मुजम्मिल ने लिखा, "एक तरफ भाई ज़ुल्म के खिलाफ लड़ते हुए जेल में हैं, तो दूसरी तरफ बहन जुल्म के खिलाफ इंसाफ देने के लिए जज की कुर्सी पर बैठने जा रही हैं।" उन्होंने अपनी बहन को बधाई देते हुए यह भी उम्मीद जताई कि वह अपने कार्यकाल में किसी बेगुनाह के साथ ज़ुल्म नहीं होने देंगी। 

इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर शरजील इमाम के समर्थक इसे शेयर कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अब फरहा निशात जज बनकर जुल्म के खिलाफ न्याय देंगी। हालांकि, बीपीएससी की वेबसाइट पर फरहा निशात का नाम पिछड़े वर्ग की सूची में पाया गया, लेकिन अभी तक यह आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है कि वह शरजील की बहन ही हैं, हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में यही दावा किया जा रहा है।

शरजील इमाम पर 2019-20 में सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दंगा भड़काने, मुस्लिमों को उकसाने और देशद्रोह जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। 28 जनवरी 2020 को उसे गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में हैं। हालांकि, हाल ही में जामिया हिंसा मामले में उसे बरी कर दिया गया था, लेकिन अन्य आरोपों में वह अभी भी जेल में हैं। 

यह घटना सोशल मीडिया पर बहुत चर्चा का विषय बन गई है, खासकर तब जब फरहा निशात के बारे में यह जानकारी सामने आई कि वह अब जज बनने जा रही हैं। इस स्थिति में एक सवाल उठता है: अगर फरहा निशात की विचारधारा अपने भाई शरजील इमाम की तरह है, तो क्या यह भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है? 

शरजील ने कभी भी अपनी उस विवादास्पद टिप्पणी पर खेद या माफी नहीं व्यक्त की, जिसमें उसने असम को भारत से अलग करने की बात की थी। यही नहीं, फरहा ने भी अभी तक अपने भाई की विचारधारा का खंडन नहीं किया है, और न ही उसने इस तरह की विभाजनकारी सोच से खुद को अलग किया है। ऐसे में यह चिंता पैदा होती है कि यदि उनकी विचारधारा वही रहती है, तो भारतीय न्याय प्रणाली के लिए यह खतरे का संकेत हो सकता है, क्योंकि जज बनने के बाद वह फैसले लेने वाली स्थिति में होंगी।

 क्या था शरजील इमाम का बयान:-

वैसे तो शरजील इमाम का भाषण काफी लंबा है, लेकिन हम यहाँ उस हिस्से को पाठकों के समक्ष रख रहे हैं, जिसमे भड़काऊ और देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली बातें कही गई हैं। CAA विरोधी कार्यक्रम में शरजील ने कहा था कि 'अब समय आ गया है कि हम गैर-मुस्लिमों से बोलें कि यदि वो हमारे हमदर्द हैं, तो हमारी शर्तों पर आकर खड़े हों। अगर वो हमारी शर्तों पर खड़े नहीं होते तो वो हमारे हमदर्द नहीं हैं। अगर 5 लाख लोग हमारे पास ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम नॉर्थ-ईस्ट को हिंदुस्तान से परमानेंटली काट कर अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से काट ही सकते हैं। इतना मवाद डालो पटरियों पर, रोड पर कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से।' इसका वीडियो आप You tube पर भी देख सकते हैं। पूरी भीड़ ध्यान से शरजील के बयान को सुन रही थी और उसे मौन समर्थन दे रही थी। 

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