चाय पर शायरी

1- जैसे जैसे इन सर्दियों में कोहरा हुआ  चाय के साथ मेरा इश्क़ और गहरा हुआ। 

2- मैं सुकून लिखूं तुम गंगाघाट  समझ लेना, मैं इश्क़ लिखूं तुम चाय समझ लेना। 

3- चाय के नशे का आलम तो कुछ  यह है गालिब कोई राई भी दे  तो अदरक वाली बोल देते है.

4- जैसे – जैसे शाम ढलती जा रही है  तुम्हारे संग चाय की तलब बढ़ती  जा रही है। 

5- काश, में इस तरह की चाय बना  पाता, नफरतों को दिल से हमेशा  के लिए मिटा पाता। 

6- मैंने खूबसूरत लोगों को सावंली चाय  पर मरते देखा है शायद इसलिए इश्क़  नाम रख दिया लोगों ने चाय का।

7- तस्वीरों के साथ इश्क का वहम  पाल रखा है वो तेरा चाय का झूठा  कप आज भी सम्भाल रखा है….

8- कुछ इस तरह से मेरी ज़िन्दगी में  उसका राज है जैसे चाय की चुस्की  में अदरक का स्वाद है। 

9- ना इश्क़, मोहब्ब्त और प्यार,  और ना ही किसी का दीदार,  हमे तो पसन्द है अपने दोस्तों  के साथ वो कुल्हड़ वाली चाय।

10- रोक देंगे हम मोहब्बत को तलाश  करना बस कोई हम सा चाय का  शौकीन मिल जाये। 

कूटने से बढ़ती हैं- 'इम्युनिटी पॉवर'

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सर्दी पर शायरी

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