* गुरूर किस बात का साहब। आज मिटटी के ऊपर कल मिट्टी के नीचे। * हमने चेहरे पर मुस्कराहट रखकर। आईने को अक्सर गुमराह रखा। * देख ली तेरी ईमानदारी ए दिल। तू मेरा और तुझे फ़िक्र किसी और की। तीज के मेले में घुस गया सांड, आतंक से कई लोग पहुंचे अस्पताल 'मुझे मरना मंजूर है, लेकिन किसी की शरण में नहीं जाऊंगा', राउत की गिरफ्तारी पर उद्धव के तेवर अफेयर के 58 साल बाद मुमताज ने किया खुलासा, क्यों नहीं की थी शम्मी कपूर से शादी?