1. वक़्त इन्सान को सिखा देता है, अजब गजब चीज़ें, फिर क्या नसीब, क्या मुकद्दर, और क्या हाथ की लकीरें... 2. इंसानियत वो एहसास है जो हमें दुनिया में जीना सिखाती है, नेकी और इमानदारी हो पास तो खुदा तक ले जाती है, किसी गरीब का सहारा बन जाओ तो लबों पर मुस्कुराती है, किसी और के दर्द में अपनी आँखों से आंसू बहाती है... 3. संगीत सुनकर ज्ञान नहीं मिलता, मंदिर जाकर भगवान नहीं मिलता, पत्थर तो इसलिए पूजते हैं लोग, क्योंकि विश्वास के लायक इंसान नहीं मिलता... 4. इंसानियत को सूली चढे हुए, यहाँ एक ज़माना बित गया है, होठों पर तो झूठ है लेकिन, हाथ में देखो गीता है... 5. मुश्किल है दौर इतना और उम्र थक गई, अब किससे जाकर पूंछे, मंजिल किधर गई, इंसानियत मिलेगी, सबने हँसते हुए कहा, वो तो कब की मर गई... 6. इंसान भी क्या चीज़ है दौलत कमाने के लिए सेहत खो देता है, सेहत को वापस पाने के लिए वही कमाई हुई दौलत खो देता है, जीता ऐसे है, जैसे कभी मरेगा ही नहीं, और मर ऐसे जाता है, जैसे कभी जिया ही नहीं... 7. कागज़ की कश्ती थी नदी का किनारा था, खेलने की मस्ती थी दिल ये आवारा था, कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में, वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था... 8. बिना गम ख़ुशी का पता कैसे चलेगा, बिना रोए हँसी का मज़ा कैसे मिलेगा, वो जो भी करते हैं वो ही जानते हैं, अगर हम जान गए तो उन्हें खुदा कौन कहेगा... कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया सुनिए नीबू, केले और नारियल की बातचीत जुम्मे को मिलेगा चुम्मा, चुम्मे वाली शायरियां