महफूज़ रख, बेदाग रख, मैली ना कर जिंदगी, मिलती नहीं इंसान को किरदार की चादर नई. बेअदबी पहचान है जिस शख्स की... वो अदब की अदाकारी सिखाता है...!! हो सके तो दिलों में रहना सीखो... गुरुर में तो हरकोई रहता है...!! जी जान लगा दी नाम को दस्तख़त बनाने में... कमबख्त जमाना बदल के अगूँठे पे आ गया...!! कुछ को सुननी कुछ को सुनानी होती है... सबकी अपनी - राम कहानी होती है...!! जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता, मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता, . काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त, फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता. अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे, . ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे, अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे. कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी, चंद सिक्कों की खातिर तूने क्या नहीं खोया है, . माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास, पर तू ये बता कितनी रातें चैन से सोया है. हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे, . ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे. ज़िंदा नेताओं को किसानों ने दफनाया नेताओं वाले बेहतरीन जोक्स दिलजले आशिकों के लिए गजब के WhatsApp Status