सुनो.. तुम्हें पूरा जानकर खो देने से बेहतर! अंजान बने रहना वाजिब है... फिर यूँ हुआ कि सोने का भाव गिर गया... इक शाम जो उतारा उसने कंगन कलाई से. कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं कुछ कहानियां हमसे गुजरी कुछ कहानियों से हम गुजरे. दरवाजे पर दस्तक दे के चली गई... शायद मुस्कान ग़लत पते पर आ गई थी.! आँखों से दूर मगर दिल के करीब था, न वो मेरा न ही मैं उसका नसीब था, न कभी मिला न ही जुदा हुआ, रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था! हाले-दिल यार को लिखूँ क्यूँकर, हाथ दिल से जुदा नहीं होता । उसको जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ. इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँ क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ. इस से पहले कि बेवफ़ा हो जाएँ क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ. सुनो.. तुम्हें पूरा जानकर खो देने से बेहतर! अंजान बने रहना वाजिब है... फिर यूँ हुआ कि सोने का भाव गिर गया... इक शाम जो उतारा उसने कंगन कलाई से. कितना चालाक है वो यार-ए-सितमगर देखो उस ने तोहफ़े में घड़ी दी है मगर वक़्त नहीं. मूड रिफ्रेशिंग शायरियां शानदार और मजेदार जोक्स जुमा मुबारक शायरियां