अभी दिलों की तनाबों में सख़्तियाँ हैं बहुत अभी हमारी दुआ में असर नहीं आया. बाक़ी ही क्या रहा है तुझे माँगने के बाद बस इक दुआ में छूट गए हर दुआ से हम. धूप साए की तरह फैल गई इन दरख़्तों की दुआ लेने से. दुआ करो कि मैं उस के लिए दुआ हो जाऊँ वो एक शख़्स जो दिल को दुआ सा लगता है. दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए. दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में सो ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम. दुश्मन-ए-जाँ ही सही दोस्त समझता हूँ उसे बद-दुआ जिस की मुझे बन के दुआ लगती है. हज़ार बार जो माँगा करो तो क्या हासिल दुआ वही है जो दिल से कभी निकलती है. होती नहीं क़ुबूल दुआ तर्क-ए-इश्क़ की दिल चाहता न हो तो ज़बाँ में असर कहाँ. जाते हो ख़ुदा-हाफ़िज़ हाँ इतनी गुज़ारिश है जब याद हम आ जाएँ मिलने की दुआ करना. कोई चारह नहीं दुआ के सिवा कोई सुनता नहीं ख़ुदा के सिवा. माँग लूँ तुझ से तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है. माँगा करेंगे अब से दुआ हिज्र-ए-यार की आख़िर तो दुश्मनी है असर को दुआ के साथ. राजनीति वाले जोक्स परेश रावल को समर्पित शरियाँ कामयाबी के लिए शायरियां