लोग कितने अमानवीय हो सकते हैं कि एक महिला को लेबर पेन होने पर उसकी मदद करने के बजाय उसे बस से रास्ते में ही उतरवा दिया. प्रसूता 30 मिनिट सड़क पर पड़ी तड़पती रही. गोमती (22) पति पुना ने बताया कि वह उज्जैन में मजदूरी करने गई थी. शुक्रवार को पूर्णिमा बस सर्विस एमपी-13, पी-0818 से वापस अपने घर बाग क्षेत्र में लौट रही थी. इसी दौरान बड़नगर के पास उसे लेबर पेन होने लगे. तब अन्य यात्रियों के कहने पर बस के कंडक्टर ने उसे और महिला साथी को कंकराज फाटे पर उतार दिया. आसपास के लोगों से मदद मांगने पर उन्होंने 108 पर फोन लगाया, लेकिन जवाब मिला कि बदनावर, बड़नगर व बिड़वाल तीन स्थानों पर एंबुलेंस नहीं है, आधे से एक घंटा लग सकता है. इस बीच महिला सड़क पर ही दर्द से तड़पती रही. करीब 20 मिनट बाद एंबुलेंस पहुंची और महिला को बदनावर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. जहां महिला ने बच्ची को जन्म दिया. डॉक्टरों ने बताया कि जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं. उधर, बस कंडक्टर का कहना है कि महिला को डिलीवरी होने से सीट खराब हो रही थी. अन्य सवारियों के कहने पर प्रसूता व साथी महिला को फाटे पर उतार दिया. डॉक्टरों ने कहा कि यदि समय पर महिला को अस्पताल नहीं लाया जाता, तो माँ और बच्चे की जान को खतरा हो सकता था. 10 साल की बच्ची से 3 महीने तक गैंगरेप, लाखों रुपये देकर करवाती हैं डंडों से पिटाई भारत में अब भी 73.2 करोड़ लोगों को शौचालय का इंतज़ार