अयोध्या। उत्तरप्रदेश में विवादित श्रीराम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के मसले पर, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपना मसौदा तैयार कर लिया है। बोर्ड ने अयोध्या के विवादित मामले का फार्मूला 18 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट में जमा करा दिया। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के इस मसौदे का समर्थन दिगंबर अखाड़े के सुरेश दास,हनुमान गढ़ी के धर्मदास,निर्मोही अखाड़े के भास्कर दास व राम विलास वेदांती,गोपालदास और नरेंद्र गिरी ने किया है। इस मसौदे में यह बात शामिल की गई है कि, यदि विवादित स्थल पर श्री राम मंदिर का निर्माण हो और, मस्जिद को लखनऊ में बनाया जाए तो, विवाद का हल सदैव के लिए हो जाएगा। ऐसे में दोनों धर्मावलंबियों के बीच कोई विवाद नहीं होगा। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि, जो मस्जिद बनाई जाए उसका नाम किसी, शासक के नाम पर न रखते हुए मस्जिद - ए - अमन रखा जाए। इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड ने कहा है कि, लखनऊ स्थित हुसैनाबाद के घंटा घर के सामने स्थित शिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर मस्जिद का निर्माण हो सकता है। हालांकि यह बात सामने आई है कि, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या मामले में पार्टी नहीं है। मगर 8 अगस्त को शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने पार्टी बनने के लिए अपील दायर की थी। इस अपील को सुप्रीमकोर्ट ने नकार दिया था। दूसरी ओर, यह बात सामने आई है कि, सुन्नी वक्फ बोर्ड इस बात से सहमत नहीं है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कहना है कि, विवादित क्षेत्र से वह मस्जिद नहीं हटाना चाहता है। ऐसे में इस विवाद का हल निकलना मुश्किल है। हालांकि रिजवी ने कहा कि, हिंदू और शिया इस पर सहमत है, सुन्नी वक्फ बोर्ड का इससे कोई लेना देना नहीं है वो भी, अदालत में है हम भी अदालत में है कोर्ट फैसला करेगा। हालांकि, यह बात भी सामने आई है कि, शिया वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों ने मुस्लिम पक्षकारों से चर्चा नहीं की है ऐसे में विवाद का हल निकलना काफी मुश्किल नज़र आ रहा है। महंत ज्ञान दास महाराज ने कहा, 2010 में ही बन जाता मंदिर श्री राम मंदिर विवाद, श्री श्री से हिंदूओं को एकमत करने की अपील हिंदुत्व के मुद्दे पर शिव सेना के तीखे तेवर मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या देश के लिए एक संकट: केंद्रीय मंत्री गिरिराज