मुंबई: वर्ष 2003 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म हंगामा दर्शकों को काफी पसंद आई थी. आज इस फिल्म का सीक्वल ‘हंगामा 2’ रिलीज हुआ है. ये दोनों ही फिल्में मशहूर डायरेक्शन प्रियदर्शन ने बनाई हैं. किन्तु इस नई हंगामा में, जिसमें हमें दो गुना हंगामा दिखना चाहिए था, उसमें हंगामा कहीं दिखाई ही नहीं देता है. फिल्म बिलकुल ही फ्लैट तरह से चलती ही चली जाती है. इस हंगामा में कोई मजा नहीं है, न कहानी में कोई दम है. फिल्म एकदम फीकी है. इस फिल्म की कहानी मीजान जाफरी के पिता आशुतोष राणा से शुरू होती है, जो उनसे काफी परेशान हैं. जहां वो अपने बच्चे का घर बिखरता हुआ देख रहे हैं. किन्तु उनके बेटे मीजान पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. फिल्म शुरुआत से ही डल रहती है. जहां महज बड़े-बड़े घर नज़र आते हैं. ये बड़े- बड़े लोगों की कहानी हैं, जिनके पास पैसे तो हैं, मगर सुकून भरी जिंदगी नहीं है. प्रियदर्शन की पहली हंगामा के सामने उनकी ये सीक्वल फिल्म हंगामा 2 का कोई मुकाबला नहीं दिखता. फिल्म में इस्तेमाल किए गए बड़े किरदारों को और भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता था. फिल्म के आरंभ होने के 45 मिनट बाद शिल्पा शेट्टी की एंट्री होती है. जो इस फिल्म का सबसे बड़ा चेहरा हैं, जिन्हें इस फिल्म में देखने के लिए लोगों ने इस मूवी को देखने का फैसला किया था. किन्तु वो भी इस फिल्म में अधिक कमाल नहीं दिखा पाई हैं. फिल्म में उनके सीन बेहद सीमित रखे गए हैं. जिस कारण आपके रंग में भंग पड़ जाता है. इस फिल्म के साथ शिल्पा ने एक बड़ा कमबैक प्लान किया था, किन्तु अब उसका कोई महत्व नजर नहीं आता है. 14 Phere Review: विक्रांत और कृति खरबंदा लेंगे 14 फेरे, हँसते-हँसते लोट-पोट हो जाएंगे आप असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने बॉक्सर लवलीना का समर्थन करने वालों के लिए साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाई मद्रास उच्च न्यायालय ने सरकार को बच्चों के यौन शोषण की रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश