पढ़े-लिखे लोगो को ग्रामीणों से सीख लेने की आवश्यकता!

शिमला. हिमाचल प्रदेश में चुनाव शुरू हो गए हैं. वोट डालने के अपने अधिकार और कर्त्तव्य को समझने वाले लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया. परन्तु हैरान करने वाली बात यह रही कि पढ़े-लिखे शहरी लोगों की तुलना में यहाँ के ग्रामीण खेतिहर लोगों ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया. इसे देखते हुए पढ़े-लिखे लोगों को इनसे कुछ सबक सीखना चाहिए कि शिक्षा के सही मायने क्या हैं और देश के प्रति अपना कर्तव्य कैसे निभाया जाए.

अच्छी खबर यह रही कि अकेले शिमला जिले में आठ ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहां 90 फीसदी से अधिक मतदान हुआ है. पर हैरान करने वाली बात यह रही कि यह सब बूथ ग्रामीण इलाकों के थे. यहाँ के ग्रामीणों में वोट डालने का उत्साह इतना था कि सभी कईं किलोमीटर तक पैदल चलकर बड़ी संख्या में वोट डालने पहुंचे. इन्होने शहरी क्षेत्रों के लोगों को मतदान के मामले में बहुत पीछे छोड़ दिया.

शिमला शहर विधानसभा क्षेत्र के 91 मतदान केंद्रों में सिर्फ लालपानी में बने पोंलिग स्टेशन पर ही सबसे ज्यादा 75 फीसदी मतदान हुआ, बाकी ज्यादातर पोलिंग बूथों पर 60 से 65 फीसदी के बीच ही मतदान हो पाया.

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