गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सांई बाबा की पालकी का उत्सव भी मनाया जाता है। इसी खास अवसर पर शिरडी के श्री साई मंदिर में हवन के साथ सांई बाबा की पालकी भी निकाली गई और जमकर जश्न भी मनाया गया। आपको बता दें, सुबह से ही इस आयोजन में भक्त लोग जुटे हुए थे और दोपहर 11 बजे से सांई बाबा का महाभिषेक प्रारम्भ हुआ। इसी में मंत्र उच्चारण के साथ हवन में आहुति दी गई। सांई बाबा के अभिषेक दुध, दही ,घी, शहद, केसर, नीबू, मौसमी, गंगाजल का उपयोग किया गया उसी से स्नान कराया गया. चंद्रग्रहण के पहले मनाया जाएगी गुरु पूर्णिमा सांई बाबा के इस उत्सव में भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें सैंकड़ों साईं भक्त पधारे और उन्होंने प्रसाद ग्रहण किया और इसके बाद शाम को पालकी निकली गई। साईं बाबा की पालकी तेज़ बारिश में बैंड बाजे और डीजे के साथ शुरू हुई जिसमें भक्तों ने जमकर नाच गाना किया और झूमते हुए सारी राह से निकले। सांई पालकी यात्रा सांई मंदिर से प्रारम्भ होकर सरथल चौकी, पोस्ट आफिस रोड, टण्डन तिराहा, पुरानी तहसील रोड तथा शंकर कालेज चौराहा होते हुए सांई मंदिर पर आकर संपन्न हुई । ओशो ने बताया 'गुरु' का सही अर्थ इस यात्रा की खास बात ये रही कि साईं बाबा के साथ-साथ इसमें भगवान गणेश, राधा कृष्ण, शंकर पार्वती की झांकियां भी लोगों को काफी अच्छी लगी और आकर्षित कर गई। इस यात्रा में सभी जगह पालकी का स्वागत किया और श्रद्धालुओं ने भक्तों ने प्रसाद बांटा।शाम को पालकी लौटते समय मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया और जमकर श्रद्धालुओं ने भाग लिया और झूमे। यह भी पढ़ें.. गुरु पूर्णिमा : वो गुरु जिन्होंने देवताओं को दिया ज्ञान