अमृतसर: पंजाब विधानसभा चुनाव में अभी तक लग रहा था कि यूपी की तरह सियासी दिग्गज कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते. सियासी दिग्गज एक दूसरे खिलाफ आमने-सामने उतरने से परहेज कर रहे हैं. मगर शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने अमृतसर ईस्ट सीट से कांग्रेस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को उम्मीदवार बनाकर बड़ा दांव खेल दिया है. ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प हो गया है कि क्या सिद्धू इस चक्रव्यूह को भेद पाएंगे? बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह और भगवंत मान के अलावा कई दिग्गज नेता बादल परिवार के खिलाफ चुनाव में उतर गए थे. ऐसे में दो दिग्गज नेताओं के आमने-सामने उतरने से एक को शिकस्त झेलनी पड़ी थी और वो विधानसभा नहीं पहुंच सका था. ऐसे में माना जा रहा था इस चुनाव में ऐसा सियासी खेल नहीं होगा, मगर अकाली दल ने सिद्धू के खिलाफ अपना मजबूत उम्मीदवार उताकर मुकाबले को हाई प्रोफाइल बना दिया है. बिक्रम सिंह मजीठिया और नवजोत सिंह सिद्धू की सियासी अदावत जगजाहिर है और दोनों नेताओं में पुरानी दुश्मनी है. सिद्धू जिस समय भाजपा में थे, तब उन्होंने सहयोगी SAD के नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और हर दिन सवाल खड़ा करते थे. माना जाता है कि SAD की नाराजगी के कारण ही बीजेपी ने 2014 में नवजोत सिंह सिद्धू को अमृतसर से लोकसभा का टिकट नहीं दिया था. अफगान सेना ने 700 सुरक्षाकर्मियों को नियुक्त किया टीपू सुल्तान के नाम पर छिड़ा विवाद! BJP के विरोध पर बोले संजय राउत- ये सब इतिहासचार्य इतिहास बदलेंगे? 'मुझे फॉलोवर नहीं मिल रहे..', राहुल के आरोप पर भाजपा बोली- अब EC को लिख दो कि वोट नहीं मिल रहे