शिअद सांसद नरेश गुजराल बोले- 1984 में सिख थे निशाने पर, आज मुसलमान

नई दिल्ली: दिल्ली में भड़की हिंसा की वजह से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस हिंसा में अब तक 39 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सांसद नरेश गुजराल का कहना है कि हर बार अल्पसंख्यकों को ही हिंसा में टारगेट बनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. नरेश गुजराल ने कहा है कि, 'मैं 1984 को फिर से होता हुआ नहीं देखना चाहता हूं. मुझे दिल्लीवाला होने पर गर्व है.' 

उन्होंने कहा कि पिछली बार ये सिख थे और इस बार निशाने पर मुसलमान हैं. दुर्भाग्य से हर बार अल्पसंख्यक समुदाय ही हमले का शिकार होता है.' बता दें कि, 1984 में सिख विरोधी दंगे हुए थे. उस दौरान कई हजारों लोगों की मौत हुई थी. बता दें कि नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में 24 और 25 फरवरी को जमकर हिंसा भड़की थी. हिंसक भीड़ ने जमकर बवाल किया था और दुकानों, घरों और स्कूलों को आग के हवाले कर दिया था. इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल सहित 38 लोगों की जान जा चुकी है.

दिल्ली पुलिस ने हिंसा को लेकर 48 मामले दर्ज किए हैं और 106 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. इस हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की दो स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया है, जिनका नेतृत्व डीसीपी जॉय तिर्की और DCP राजेश देव करेंगे.

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