मुंबई। महाराष्ट्र राज्य में शिवसेना और भाजपा का गठबंधन मुश्किल में है। माना जा रहा है कि, यह गठबंधन टूट सकता है। इसका कारण यह है कि, शिवसेना भाजपा के रूख से असंतुष्ट है साथ ही राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों से शिवसेना के नेता नाराज़ हैं, ऐसे में शिवसेना गठबंधन से अलग हो सकती है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि, पितृपक्ष के बाद ही गठबंधन को लेकर निर्णय होगा, जो कदम उठाऐ जाऐंगे वे वार्षिक दशहरा रैली के बाद उठाए जाऐंगे। उल्लेखनीय है कि, केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान शिवसेना के किसी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया था। संघीय स्तर पर ऐसा होने से शिवसेना काफी नाराज़ थी। मगर अब यह बात सामने आई है कि, प्रदेश स्तर पर भी भाजपा और शिवसेना के बीच तालमेल गड़बड़ा गया है। बताया जा रहा है कि पार्टी के सांसदों, मंत्रियों, विधायकों और अन्य नेताओं ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ बंद कमरे में बैठक की थी। बैठक में नेताओं ने जमकर शिकायतें कीं। नेताओं ने कहा कि, राज्य सरकार उनके द्वारा हाथ में लिए जाने वाले विकासीय प्रोजेक्ट्स को रोकने में लगी है। वह फाईलों को आगे नहीं बढ़ने दे रही है। संजय राऊत ने कहा कि, शिवसेना प्रमुख को हालातों की समीक्षा करने के लिए अधिकृत किया गया है। अब शिवसेना अंतिम निर्णय लेने के करीब है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना, राज्य में किसान क़र्ज़ माफी को लेकर भी अपनी मांग कर चुकी है। शिवसेना ने राज्य में प्रदर्शन कर मांग की थी कि कर्ज माफी को लेकर उपयुक्त घोषणा की जाए। बुलेट ट्रेन, आलोचना की पटरी पर 'सामना' का बड़ा खुलासा: पीएम मोदी सुप्रिया सुले को देना चाहते थे कैबिनेट में जगह टोल फ्री यूपी बीजेपी अध्यक्ष 6 महीने पूरे होने पर योगी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस