अब्दुल सत्तर ने शिवसेना को दिया धोखा, अपनी पार्टी को हरवाया और AIMIM के इम्तियाज़ को जिताया ?

मुंबई: महाराष्ट्र के औरंगाबाद से असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के लोकसभा सांसद इम्तियाज जलील ने लोकसभा चुनावों में मिली जीत का पूरे श्रेय शिवसेना के वरिष्ठ नेता अब्दुल सत्तार को दिया है। इम्तियाज ने कहा है कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में उन्हें विजयी बनाने में सहायता की थी। बता दें कि अब्दुल सत्तार पहले कांग्रेस में थे, मगर 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने शिवसेना का दामन थाम लिया था। इम्तियाज ने उन्हें अपने जीत का क्रेडिट देते हुए किंग मेकर बताय है। उनके इस बयान के बाद अब ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या सत्तार ने शिवसेना को हराने का काम किया था। 

दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में जहाँ सांसद इम्तियाज ने जीत हासिल की थी, वहाँ से शिवसेना के चंद्रकांता खैर को शिकस्त मिली थी। तो यदि जलील की बातों में सच्चाई है, तो इसका सीधा मतलब है कि न सिर्फ AIMIM नेता को जिताने में सत्तार की भूमिका थी, बल्कि शिवसेना उम्मीदवार की हार के भी वो ही जिम्मेदार हैं।  शनिवार को वेजापुर तालुका में जलील ने कहा कि, 'सत्तार मेरे भाई जैसे हैं। वे किंग मेकर हैं और किसी को भी उनकी इच्छानुसार सियासत में धार दे सकते हैं और चाहें तो किसी को भी नीचे गिरा सकते हैं।' गौरतलब है 2019 के लोकसभा चुनावों में जलील ने खैर को 4 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी थी। इसके बाद भी जलील की टिप्पणी पर शिवसेना का शीर्ष नेतृत्व, अब्दुल सत्तार पर सवाल खड़े नहीं करता और कहता है कि इसके पीछे AIMIM नेता जलील को कोई छिपा एजेंडा है जिसे वो सत्तार की प्रशंसा करके पूरा करना चाहते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि, 'ये प्रशंसा साफ दिल से नहीं आई है, बल्कि शिवसेना ईकाई में फूट लगाने के उद्देश्य से आई है।' बता दें कि बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र की सियासत में जलील की चर्चा अधिक है। बताया जा रहा था कि जलील महा विकास आघाड़ी सरकार में जल्द शामिल हो सकते हैं, ताकि लोगों को भरोसा हो कि AIMIM भाजपा की बी टीम नहीं हैं।

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