पंजाब के शिवसेना नेता दुर्गादास की हत्या के मामलें में जांच कर रही राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को मंगलवार एक बड़ा झटका लगा. हत्या के एक मात्र गवाह मोची रामपाल ने नहर में कूद कर आत्महत्या कर ली. परिवार के अनुसार NIA रामपाल को सरकारी गवाह बनाना चाहती थी. ज्ञात हो दुर्गादास हत्या के मामलें की जाँच सबसे पहले खन्ना पुलिस को सौंपी थी. पुलिस की असफलता के बाद, जाँच सीबीआई को सौंपी लेकिन सीबीआई को भी केस में कुछ खास हाथ नहीं लगा. बाद में हत्या के तार विदेश से जुड़े होने की खबर के बाद जाँच NIA को दी गई थी. इस मामले में शार्प शूटर हरदीप सिंह शेरा समेत उसके साथियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन मामलों की जांच कर रही एनआईए गवाहों की तलाश में थी. एनआईए ने हाल ही में दुर्गादास गुप्ता हत्याकांड में शिवसेना की पंजाब इकाई के उपप्रधान अनुज गुप्ता समेत कई नेताओं से पूछताछ की थी. एनआईए इन नेताओं को लेकर ललहेड़ी रोड भी गई थी, जहां दुर्गादास गुप्ता को गोलियां मारी गई थीं. आसपास के दुकानदारों से जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया था, लेकिन एनआईए को खास सफलता नहीं मिली थी. एनआईए को इसी दौरान पता चला था कि वहां से कुछ ही कदमों की दूरी पर मोची रामपाल बैठता है. इस मोची ने ही दुर्गा को लहूलुहान हालत में उठाया था और लोगों की मदद से अस्पताल पहुंचाया था. बता दें 55 वर्षीय रामपाल को मंगलवार की सुबह पूछताछ के लिए बुलाया गया था. मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे रामपाल घर से तो निकला लेकिन सरहिंद नहर पर पहुंचकर उसने घरवालों को फोन किया. फोन पर ही रामपाल ने अपने परिवार वालों को बता दिया कि वह नहर में कूदकर जान देने जा रहा है. परिवार वालो के नहर पहुंचने तक रामपाल नहर में कूद चूका था बाद में नहर से लाश निकलकर पोस्टमार्टम के लिए पहुंचाया गया. मौसम में बदलाव से तापमान सामान्य लव जिहाद: मर्जी से की गई शादी विवाद से परे-SC पद्मावत विवाद : नोएडा में धारा 144