महाराष्ट्र सत्ताधारी पार्टी शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा जब गठबंधन सरकार बनती है तो एनडीए हो या यूपीए समन्वय समिति का गठन किया जाता है जिससे सरकार का काम आसान हो जाता है. हमारी तीनों पार्टियों की विचारधारा भी अलग-अलग है, लेकिन सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर चलती है. समिति न्यूनतम साझा कार्यक्रम और विवादास्पद मुद्दों पर गौर करेगी. सोनिया गांधी ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मंहगी बिजली पर मांगी सफाई, विपक्ष के माधे किया मुद्दा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने कवि फैज अहमद फैज को ”हिंदू विरोधी” और ”राष्ट्र विरोधी” बताने की कड़ी आलोचना करते हुए बीजपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि फैज जैसे कवि को राष्ट्रवाद और धर्म के संकीर्ण दायरे में कैद करना मुश्किल है. राउत ने सामाना में लिखा- “जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हिंसा के बाद, फ़ैज़ को हिंदू विरोधी और राष्ट्र विरोधी करार दिया जा रहा है. फ़ैज़ अपना बचाव करने के लिए ज़िंदा नहीं हैं. आप फैज़ जैसे कवि को किसी राष्ट्र या धर्म की सीमाओं और सीमाओं में सीमित नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि फैज़ की कविताओं ने पाकिस्तान के हुक्मरानों को डरा दिया. वही कविता अब उन लोगों को भयभीत कर रही है जो भारत पर शासन कर रहे हैं. मनोहर व विज में घमासान जारी, CID विवाद को लेकर उठाया बड़ा कदम अपने बयान में शिवसेना सांसद ने आगे कहा कि फैज की कविता में शासकों और मूर्तियों की बात की गई थी. यह महज एक प्रतीक के रूप में स्वतंत्रता के लिए लड़ने की एक प्रेरणा थी. बता दें कि IIT-Kanpur के एक छात्र ने फैज की ‘हम देखेंगे’ कविता गाई थी, जिसके खिलाफ एक अस्थायी संकाय सदस्य और छात्रों सहित लगभग 16 अन्य लोगों द्वारा शिकायत दर्ज की गई थी. इसके बाद कथित तौर पर कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने एक शिकायत की जांच करने के लिए एक पैनल का गठन किया है कि क्या फैज़ की प्रख्यात कविता हम देखेंगे हिंदुओं की भावनाओं को आहत करती है या नहीं. सूरत के कपड़ा बाजार में भड़की भीषण आग, दमकल की 50 गाड़ियां मौके पर JDU स्टार प्रचारक लिस्ट में दिग्गज नेताओं का नाम गायब, जानिए क्या है वजह महाराष्ट्र में गहराता जा रहा साईं बाबा के जन्म स्थान का विवाद, अब शिवसेना ने किया ये दावा !