इटावा के जसवंतनगर से समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता रद कराने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है. इसी बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी अपनी आगे की तैयारी शुरू भी कर दी है. समाजवादी पार्टी ने विधानसभा में शिवपाल सिंह यादव के जसवंतनगर सीट से सपा विधायक को लेकर आपत्ति दर्ज करा दी है. ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष इसपर जल्द ही कोई फैसला कर सकती है. अयोध्या केस : ओवैसी का बड़ा बयान, कहा- BJP या शिवसेना नहीं, बल्कि...' मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने इटावा में जसवंतनगर सीट से उपचुनाव लडऩे का ऐलान किया है. शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता पर तलवार लटक रही है. समाजवादी पार्टी ने उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने की मांग की है. समाजवादी पार्टी के इस कदम पर अब शिवपाल सिंह ने कहा कि वह जसवंतनगर से ही चुनाव लड़ेंगे, चाहे समाजवादी पार्टी से मैदान में कोई दिग्गज उतरे या फिर किसी अन्य दल से कोई सूरमा. बुधवार को सैफई आवास में पत्रकारों से वार्ता के दौरान प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने साफ किया कि यदि चुनाव होते हैं तो वह जसवंतनगर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे. जसवंतनगर उनका गढ़ है और यहां पर उनके खिलाफ चुनाव लडऩे वालों की जमानत जब्त होगी. मैने नेताजी के लिए चुनाव प्रचार किया है, इसलिए उन्हें भी मेरे लिए चुनाव प्रचार करना चाहिए. राजस्थान में बसपा को जोरदार झटका, मायावती ने कांग्रेस को कहा- 'दोगली' अपने बयान में शिवपाल सिंह ने कहा है कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को मेरा चुनाव प्रचार करना चाहिये. उनका यह बयान तब आया है कि सपा प्रमुख द्वारा विधानसभा में उनके विधायक पद को लेकर आपर्ति दर्ज कराई गई है और इसपर बहुत जल्द फैसला आने वाला है. प्रसपा पूरे प्रदेश में किसानों की समस्या, बिजली के बढ़े दाम व अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रही है. इटावा के प्रदर्शन में हम भी शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंदी ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है और व्यापार खत्म हो गया है. केंद्र व प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है. इस दौरान उनके साथ पूर्व मंत्री रामसेवक यादव गंगापुरा उपस्थित थे. पीएम मोदी से आज मुलाकात करेंगी ममता बनर्जी, इन मामलों पर होगी चर्चा ठाकरे के बयान से मचा हड़कंप, कहा-पाकिस्तान का जन्म ही नहीं होता, अगर भारत के पहले पीएम...' अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद घाटी में हुआ भाजपा को राजनीतिक फायदा, जाने कैसे