एमपी भारतीय जनता पार्टी की ओर से सरकार बनाने की तैयारियां प्रांरभ हो गई है, लेकिन अब पार्टी में सत्ता संघर्ष छिड़ गया है. मुख्यमंत्री की दौड़ में शिवराज सिंह चौहान सब पर भारी पड़ रहे हैं. संभावना है कि सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में मप्र की भावी सरकार के मुखिया का फैसला हो. बैठक में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के इस्तीफे के बाद नए नेता यानी मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा. विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे पर्यवेक्षक बनाए लाने की कवायद चल रही है पर पार्टी ने औपचारिक आदेश जारी नहीं किए हैं. कोरोना से बचाव के लिए पीएम इमरान को मिली खास सलाह आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली में सुबह दिग्गज नेताओं की बैठक होने वाली है, इसका फैसला लेकर केंद्रीय पर्यवेक्षक हाईकमान द्वारा तय नेता पर विधायक दल की मुहर लगवाएंगे. इसके बाद विधायक दल के नेता मध्य प्रदेश के राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. पहले ये बैठक शनिवार को बुलाई गई थी. माना जा रहा है कि देश में कोरोना के बढ़ते असर और रविवार को 'जनता कर्फ्यू' के कारण विधायक दल की बैठक टाल दी गई थी. विधायकों को भी पार्टी ने दो दिन का अवकाश स्वजनों से मिलने के लिए दे दिया था. पार्टी की रणनीति के मुताबिक सबकुछ ठीक रहा तो 25 मार्च को नई सरकार का शपथ ग्रहण भी हो सकता है. इसी दिन चैत्र नवरात्र पूजा की शुरुआत भी हो रही है. अरबो लोग घरों में हुए कैंद, कोरोना ने किया जनजीवन तबाह इतने लंबे राजनीतिक संकट के बाद मध्यप्रदेश में भाजपा का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर जोर-आजमाइश का खेल शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री पद के लिए स्वाभाविक तौर पर सबसे आगे शिवराज सिंह चौहान का नाम नंबर एक पर चल रहा है. पार्टी नेताओं की मानें तो 'मामा' के नाम से मशहूर शिवराज ही मप्र में होने वाले 24 उपचुनाव में भाजपा की नैया पार लगा सकते हैं. फिलहाल सीएम की दौड़ में वे आगे भी हैं. साथ ही यह माना जा रहा है कि सिंधिया का समर्थन भी चौहान के साथ ही रहेगा. अब भगोड़ो की खैर नही, इस महत्वपूर्ण संधि पर कैबिनेट बैठक में लगी मुहर कोरोनावायरस :15 वर्षीय भारतीय मूल की अमेरीकी ने किया अनोखा काम फांस और ईरान ने कैदियों को आपस में बदला, जानें क्यों