देश भर में फैली कोरोना की महामारी को देखते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का गठन टाल दिया है. कोविड-19 के वजह से देश में लगे लॉकडउन के बाद स्वास्थ्य से जुड़ी स्थितियां सामान्य होती हैं तो कैबिनेट का गठन अप्रैल के दूसरे सप्ताह में किया जा सकता है. माना जा रहा है कि कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हए 22 विधायकों शिवराज की कैबिनेट में जगह मिलेगी. इनमें से छह तुलसी सिलावट, महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत, प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह तोमर सिंधिया के समर्थक हैं. बाकी तीन बिसाहूलाल सिंह, ऐदंल सिंह कंसाना और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव शामिल हैं. बता दें की शिवराज सिंह कैबिनेट 24 से 26 लोगों की बनेगी. जिसमें छह से आठ राज्यमंत्री हो सकते हैं, लेकिन शिवराज सिंह के सामने चुनौती इस बात की होगी कि वो अपने लोगों में से किसे अपने मंत्रिमंडल में शामिल करते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में करीब 13 मंत्री चुनाव हार गए थे, वहीं कुछ को टिकट नहीं मिला था. इस बार जिसमें इस बार जगदीश देवड़ा, अजय विश्नोई, करण सिंह वर्मा, कमल पटेल, मीना सिंह, बृजेंद्र प्रताप सिंह, हरिशंकर खटीक और गोपीलाल जाटव चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. साथ ही ये पूर्व में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा कैबिनेट के लिए ऐसे भी दावेदार हैं, जिन्होंने तीसरी या चौथी बार विधानसभा का चुनाव जीता है. इनमें ओम प्रकाश सकलेचा, यशपाल सिंह सिसोदिया, राजेंद्र पांडे, देवेंद्र वर्मा, रमेश मेंदोला और ऊषा ठाकुर आदि शामिल हैं. इसके अलावा भोपाल से रामेश्वर शर्मा और भिंड से अरविंद भदौरिया भी शिवराज के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले प्रबल दावेदारों की सूची में हैं. लॉकडाउन : बीमार बेटे का इलाज करवाने के लिए तीस किलोमीटर पैदल चली माँ Video: रितेश देशमुख ने की कोरोना वायरस से जुगलबंदी ईरान से लाए जाएंगे 300 से ज्यादा भारतीय, भोपाल में की गई व्यवस्था