भोपाल: चुनावी संग्राम जैसे-जैसे नज़दीक आता जा रहा है, नेताओं ने अपने बयानों को हथियार की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. एक-दूसरे पर छींटाकशी, बयानबाज़ी, आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहा है, फिर चाहे वो नेता किसी भी पार्टी के क्यों न हो, कोई भी विपक्ष को घेरने का मौका नहीं छोड़ रहा है. इसी क्रम में अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के "15 मिनिट" वाले बयान पर उनको घेरा है. हालांकि, सीएम शिवराज ने सीधे तौर पर उनका नाम तो नहीं लिया, पर शिवराज का निशाना राहुल गाँधी ही थे. शिवराज ने अपने ट्विटर हैंडल पर अप्रत्यक्ष रूप से राहुल पर तंज कस्ते हुए लिखा है कि "कुछ लोग 15 मिनट क्या, अगर 15 साल भी लगातार बोलें तो उनके अलावा किसी को कुछ समझ नहीं आएगा". इस 15 मिनिट वाले मुद्दे की शुरुआत राहुल गाँधी ने की थी, उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें संसद में 15 मिनिट बोलने का अवसर दिया जाए तो वे ऐसा भाषण देंगे, कि पीएम मोदी वहां बैठ भी नहीं पाएंगे. इस पर पीएम मोदी ने अपने कर्नाटक दौरे के दौरान राहुल गाँधी को चुनौती दी थी, के राहुल बिना पर्चे के 15 मिनिट भाषण देकर बताएं, पीएम ने तो यहाँ तक कहा था कि राहुल बस 15 मिनिट के अपने भाषण में मात्र 5 बार विश्वेश्वरैया का नाम लेकर ही बता दें. इस मुद्दे पर सोनिया गाँधी ने भी पीएम पर प्रहार किया था, उन्होंने कहा था कि पीएम 15 मिनिट बिना झूठ के भाषण देकर बताएं. राजनीति में बयानबाज़ी तो आम बात है, लेकिन उसका कोई स्तर तो होना चाहिए, अभी तो ऐसा लगता है कि चुनाव का फैसला देश की जनता नहीं, राजनेताओं की जुबान करेगी, जो ज्यादा निंदा कर सकेगा, वही जीतेगा. मोदी ने किसानों के मुद्दों पर कर्नाटक सरकार को कोसा डोकलाम का जायज़ा लेने जा रहे राहुल गाँधी कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे पर संकट के बादल