भोपाल : एमपी के चर्चित व्यापम घोटाले में सीएम शिवराज के लिए राहत भरी खबर यह है कि जिस पेन ड्राइव के डाटा को लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और प्रशांत पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उनके परिवार के खिलाफ जांच की मांग की थी, उस पेन ड्राइव में रखे डाटा को सीबीआई ने फर्जी बताया है. गौरतलब है कि सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि हैदराबाद की फॉरेंसिक लैब में जब इस पेन ड्राइव की जांच कराई गई, तो इसमें निकला डाटा फर्जी मिला. इसलिए वह फर्जी डाटा के सहारे शिवराज के खिलाफ साजिश करने वालों पर कानूनी ढंग से जांच शुरू करेगी. सीबीआई ने माना कि दिग्विजय और अन्य लोगों ने एक साजिश के तहत शिवराज के खिलाफ उच्च स्तरीय दुष्प्रचार अभियान चलाया, जो कि झूठे और बेबुनियाद दस्तावेजों पर आधारित था. आपको बता दें कि सीबीआई के वकील बालासुब्रमण्यम ने कोर्ट में कहा कि 2015 में दिग्विजय सिंह ने शीर्ष कोर्ट में दाखिल याचिका में शीर्ष कोर्ट के आदेश पर जब सीबीआई ने हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव की हैदराबाद स्थित फॉरेंसिक लैब में जांच कराई तो हार्ड डिस्क का डाटा सही मिला. उस डाटा के साथ कोई छेडख़ानी नहीं की गई थी, जबकि पेन ड्राइव में मिला डाटा फर्जी निकला. हार्ड डिस्क के डाटा में जो तथ्य हैं, उनमें शिवराज सिंह चौहान जुड़ा कोई भी सबूत नहीं मिला. जाँच में पाया कि पेन ड्राइव में मौजूद फर्जी डाटा को साजिश के तहत तैयार किया गया था और इसी फर्जी डाटा के आधार पर फर्जी शिकायत की गईं. यह भी देखें व्यापम घोटाले से पीड़ित छात्र ने दी PM मोदी को आत्महत्या की धमकी छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल- नौकरी पाने का एक सुनहरा अवसर