मुंबई: एक वक़्त में पक्के दोस्त रह चुके शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब एक-दूसरे के कट्टर विरोधी बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. महाराष्ट्र चुनाव के बाद ऐसा एक भी मौका नहीं आया है, जब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से केंद्र सरकार यानी भाजपा को निशाने पर ना लिया हो. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से दिल्ली में हुई हिंसा को मुद्दा बनाकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है. शिवसेना ने पुछा है कि जब दिल्ली जल रही थी लोगों के मन में गुस्सा था तब गृहमंत्री अमित शाह कहां पर थे? सामना में आगे लिखा गया है कि अगर केंद्र सरकार में भाजपा की जगह कांग्रेस सत्ता में होती तो भाजपा अब तक उनके गृहमंत्री को विफल ठहराकर कब का इस्तीफा मांग चुकी होती. गृहमंत्री के इस्तीफे के लिए दिल्ली में मोर्चा व घेराव का आयोजन किया गया होता, राष्ट्रपति भवन पर मार्च निकाला गया होता. किन्तु अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि भाजपा सत्ता में है और विपक्ष कमजोर है. सामना में लिखा है कि जिस वक़्त राष्ट्रीय राजधानी में 38 लोग मारे गए, उस वक़्त केंद्र का आधा कैबिनेट अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति को नमस्ते-नमस्ते साहब कहने के लिए गया था. तक़रीबन 3 दिन बाद पीएम ने शांति बनाए रखने का आह्वान किया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल चौथे दिन अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली के सड़कों पर नज़र आए. इससे क्या होगा जो होना था वह पहले ही हो चुका है. गृहमंत्री दिल्ली विधानसभा चुनाव में घर-घर पर्चे बांट रहे थे. अब क्यों नज़र नहीं आ रहे हैं. पीएम इमरान खान US-Taliban शांति समझौते में नही लेंगे भाग, आखिर क्या है वजह! परमाणु हथियारों की होड़ को लेकर UN ने बोली चौकाने वाली बात दक्षिण कोरिया में घूसा कोरोनावायरस, इतने नए मामले आए सामने