मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से अमेरिका की ट्रंप सरकार पर हमला बोला है. शिवसेना ने अमेरिका पर यह हमला उसके विदेश विभाग की उस रिपोर्ट को लेकर बोला है, जिसमें बताया गया है कि भारत में धर्म के नाम पर हिंसा में वृद्धि हुई है. 'अमेरिकी चुगलखोरी' शीर्षक से शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखा है कि, 'हिंदुस्तान में धर्म के नाम पर हिंसा बढ़ गई है और हिंदू संगठन अल्पसंख्यकों और मुसलमानों पर हमले कर रहे हैं, ऐसा ‘शोध’ अमेरिका के विदेश विभाग ने किया है. इसके अलावा इन हमलों को रोकने में मोदी सरकार नाकाम रही है, ऐसा हमेशा का तुनतुना भी अमेरिका ने बजाया है.' शिवसेना ने अपने लेख में लिखा है, 'अमेरिका में सरकार किसी की भी हो लेकिन वे दुनिया के स्वघोषित ‘पालनहार’ होते हैं. हम ही एकमेव वैश्विक महासत्ता हैं और पूरी दुनिया को सयानापन सिखाने की ठेकेदारी सिर्फ हमारे पास है, ऐसा हर अमेरिकन सत्ताधारी को लगता है. इसलिए हिंदुस्तान में अल्पसंख्यकों और मुसलमानों की सुरक्षा पर ट्रंप सरकार के विदेश विभाग में बेचैनी बढ़ी होगी तो इसमें अनपेक्षित कुछ भी नहीं है.' आर्टिकल में आगे लिखा है, 'इसके पहले भी गोमांस रखने की शंका पर हमारे देश में जो कुछ भी मौतें हुईं, उस पर अमेरिका ने मगरमच्छ के आंसू बहाए थे और हिंदुस्तान की सरकार को आरोपी के कटघरे में खड़ा किया था. अभी भी धर्म और गोरक्षा के कारण हिंदू संगठनों द्वारा मुसलमान और अल्पसंख्यकों पर सामूहिक हमला बढ़ा है, ऐसा ‘इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम इंडिया-2018’ नाम से अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा प्रसिद्ध रिपोर्ट में कहा गया है. इसी लेख में शिवसेना ने लिखा है कि हिंदुस्तान के आंतरिक मामलों में नाक घुसेड़ने का अधिकार अमेरिका को किसने दिया. शिवसेना ने लिखा है कि ट्रंप प्रशासन पहले ये देखे कि उनके पैर के नीचे क्या जल रहा है. दिल्ली में 24 घंटों के भीतर हुए 9 क़त्ल, केजरीवाल ने पुलिस पर उठाए सवाल, मिला ये जवाब दिग्विजय सिंह: इस राजनितिक दिग्गज पर रोइ थी सियासत की कई बड़ी हस्तियां अगर लोकसभा उपाध्यक्ष का पद भी मिला तो भी स्वीकार नहीं करेगी जगन रेड्डी की पार्टी, ये है कारण