मुंबई: महाराष्ट्र में फाइनल ईयर की एग्जाम न लेते हुए छात्रों को पिछले सत्र के अंकों का मूल्यांकन करके औसत अंक दिए जाने पर प्रदेश की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की गठबंधन सरकार और राज्यपाल में ठनी हुई है. राज्यपाल राज्य की सभी यूनिवर्सिटीज के चांसलर हैं और पहले ही पत्र लिखकर इसको अपना विरोध जाहिर कर चुके हैं. आज इस विवाद को और भड़काने का काम शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' ने किया. 'सामना' ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा और संपादकीय में लिखा कि, " विपक्ष से पत्र प्राप्त होते ही गवर्नर ने मुख्यमंत्री के फैसले का विरोध करते हुए एक पत्र लिखा और मीडिया में इसकी घोषणा भी. " संपादकीय में लिखा गया है कि, " राज्यपाल एक प्रकार से जीतेंगे या मरेंगे जैसे आवेश में हैं. किन्तु किससे जीतना है और किसे मारना है, इसे भी एक बार समझ लेना चाहिए. " गवर्नर का ये कहना की फैसला लेने से पहले उन्हें भरोसे में लेना चाहिए था. उस पर 'सामना' ने लिखा है कि उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने गवर्नर से इस मुद्दे पर चर्चा की थी. 'सामना' में लिखा है कि, " डिग्री की अंतिम परीक्षा को लेकर गवर्नर और राज्य सरकार के बीच मतभेदों का सार्वजनिक प्रदर्शन जारी है. राजभवन में संबंधित लोगों की एक मीटिंग बुलाकर अंतिम परीक्षा के बारे में कोई फैसला लिया जा सकता था. हालांकि गवर्नर अधिकारियों आदि को बुलाकर समीक्षा बैठकें करते रहते हैं और समानांतर सत्ता केंद्र चलाते रहते हैं." आपको बता दें कि सीएम उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि उद्धव ठाकरे 'सामना' की एडिटर हैं और शिवसेना नेता संजय राउत 'सामना' के एसोसिएट एडिटर. लैरी वॉल्श का प्रोस्टेट कैंसर से हुआ निधन, डेनिस विन्फ्रे ने दिया भावुक बयान भारत-चीन विवाद के बीच आया रूस का बयान, दिया अहम सन्देश प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतरीं ट्रम्प की बेटी टिफनी, सोशल मीडिया पर कह दी बड़ी बात