लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के MLA इरफान सोलंकी को उच्च न्यायालय से भी बड़ा झटका लगा है। उनके खिलाफ जाजमऊ में दर्ज प्लाट में आगजनी के केस में जमानत अर्जी हाईकोर्ट से ख़ारिज हो गई। सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी ख़ारिज होने के बाद विधायक इरफ़ान सोलंकी के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस के बाद याचिका निरस्त कर दी गई। कानपुर की सीसामऊ सीट से MLA इरफान सोलंकी के खिलाफ डिफेंस कॉलोनी जाजमऊ निवासी महिला ने कब्जे की नियत से प्लाट में आगजनी करने की शिकायत दर्ज कराई है। मामले में MLA और उनके भाई रिजवान सोलंकी को पुलिस जेल में डाल चुकी है। इरफान की तरफ से सेशन कोर्ट में दी गई जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय में अपील की गई थी। उच्च न्यायालय ने जाजमऊ के वृद्ध विधवा महिला का घर जलाने और भूमि पर कब्जा करने के मामले को संगीन अपराध के रूप में लेते हुए ज़मानत की याचिका खारिज कर दी। अभियोजन पक्ष ने दलील दी है कि आरोपित MLA प्रभावशाली हैं। जमानत के बाद गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है। विधायक के वकील गौरव दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया है कि, जमानत अर्जी खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। क्या अब 'दीदी' के लिए बैटिंग करेंगे 'दादा' ? गांगुली और सीएम ममता की मुलाक़ात के मायने क्या TMC के छात्र नेता ने किया नाबालिग छात्रा का बलात्कार, पीड़िता ने हाई कोर्ट में लगाई गुहार कर्नाटक को पीएम मोदी ने दी 10,800 करोड़ की सौगात, कही ये बात