नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय से उद्धव ठाकरे गुट को अभी राहत नहीं मिली है. निर्वाचन आयोग के फैसले को अदालत ने बरकरार रखा है. यानी कि शिवसेना का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह, धनुष बाण दोनों ही शिंदे गुट के पास ही रहने वाले हैं. ये भी कहा गया है कि निर्वाचन आयोग द्वारा उद्धव गुट को जो टॉर्च और मशाल वाला चुनावी चिन्ह प्रदान किया गया था, वही आगे भी जारी रह सकता है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों उद्धव और शिंदे गुट को नोटिस भी जारी किया है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही निर्वाचन आयोग ने उद्धव गुट को तगड़ा झटका दिया था. चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को ही असल शिवसेना करार दिया था और धनुष-बाण वाला चिन्ह भी उन्हीं के पास गया था. निर्वाचन आयोग के उस फैसले को उद्धव गुट ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती थी, मगर अब वहां से भी अभी के लिए कोई राहत नहीं मिली है. अदालत ने चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा है. आज बुधवार (22 फ़रवरी) को सुनवाई के दौरान उद्धव गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि 21 जून 2022 से पहले पार्टी के भीतर किसी बात को लेकर असहमति या मतभेद नहीं था. असहमति की बात तब सामने आती है, जब ये लोग (शिंदे गुट) असम जाकर बयानबाजी करने लगते हैं. सिब्बल ने पुछा कि बागी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं, बहुमत का आनंद लेते हैं. और फिर पाला बदल लेते हैं. सदन की सदस्यता किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है, जो वह व्यापार करने में लग जाए? हालांकि, अदालत ने फ़िलहाल के लिए चुनाव आयोग के फैसले को बरक़रार रखा है. 'अशोक गहलोत की खाल के जूते बनवाकर प्रियंका गांधी के सिर पर मारूंगा..', भीम सेना प्रमुख के बिगड़े बोल 'UP में का बा..." पर मचा बवाल, गायिका नेहा सिंह राठौर को पुलिस ने भेजा नोटिस एकनाथ शिंदे के बेटे पर संजय राउत ने लगाया गंभीर आरोप, अब आया महाराष्ट्र CM का बयान