नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की MA की डिग्री को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने RTI दाखिल की थी। इसके बाद यह मामला हाई कोर्ट तक भी चला गया था, जिसमें अदालत ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को खारिज कर दिया था, जिसके तहत गुजरात यूनिवर्सिटी से पीएम मोदी की डिग्री दिखाने के लिए कहा गया था। यह याचिका गुजरात यूनिवर्सिटी ने दाखिल की थी। इस मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल पर कोर्ट ने 25 हजार का जुर्माना भी ठोंका था। पीएम मोदी की डिग्री पर सवाल खड़े करने वालों को अब वरिष्ठ पत्रकार शीला भट्ट ने अपने एक इंटरव्यू में जवाब दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, दशकों का पत्रकारिता का अनुभव रखने वालीं शीला भट्ट ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, 'नरेंद्र मोदी से पहली दफा मैं 1981 में उस समय मिली थी, जब वह MA पार्ट टू में थे। उनके मेंटर थे प्रोफेसर प्रवीन सेठ और उनकी पत्नी सुरभि। उस समय नरेंद्र मोदी अक्सर उनके पास जाया करते थे और मैं भी जाती थी। पीएम मोदी की एक क्लासमेट को भी मैं जानती हूं, जिनसे मैंने फोन पर बात की थी। यह उस समय की बात है, जह उनकी डिग्री को लेकर केजरीवाल सहित कई लोगों ने सवाल खड़े किए थे। तब मैंने कहा था कि आप सामने आइए, मगर उन्होंने कहा कि नहीं मैं ऐसा नहीं करना चाहती।' शीला भट्ट ने आगे कहा कि उस वक़्त नरेंद्र मोदी बहुत पढ़ाई लिखाई करते थे और तब की बहुत सी यादें हैं। जिन्हें मैं अभी शेयर नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह को आपको कुछ अलग हटकर देखना होगा। भारत के जितने भी मुद्दे हैं, ये उनकी ग्रिप में थे, मगर उन्होंने इंतजार किया और अब हल कर रहे हैं। आपको ऐसा कौन सा प्रधानमंत्री मिलेगा, जो 1981 से 2001 तक प्रतिवर्ष दिवाली पर देश के किसी ना किसी जिले में अकेले ही घूमने जाते थे। तब वह किसी से संपर्क में नहीं होते थे और देश को समझने के लिए 5 दिन अलग से निकालते थे। वरिष्ठ पत्रकार ने आगे बताया कि 2001 तक तो नरेंद्र मोदी के पास कोई घर ही नहीं था। मैं मोदी के गुजरात पहुंचने पर हसमुख भाई जैसे 5 से 6 लोगों से सवाल करती थी कि क्या उनका बैग आपके घर पर है? इसका मतलब होता था कि क्या नरेंद्र मोदी वहां आए हुए हैं। शीला भट्ट ने कहा कि पीएम मोदी जब से जन्में हैं, तब से ही ऐसे हैं। वह मुश्किलों में रास्ते निकालते आए हैं। 2014 के बाद मीडिया में विभाजन की स्थिति पैदा होने के सवाल पर शीला भट्ट ने कहा कि मुझे इन बेकार की बातों में नहीं पड़ना है। उन्होंने कहा कि मीडिया इतनी बड़ी चीज नहीं है, जितना हमने उसे बना दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने अहमद पटेल का भी इंटरव्यू लिया था और 1980 से उन्हें भी अच्छी तरह जानती थी। तब मुझे किसी ने कुछ नहीं कहा, मगर अब मोदी और अमित शाह आ गए हैं, तो दिक्कत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हर बात को मोदी से ही जोड़ देते हैं। लव जिहाद की कोई बात होती है, तो उसे भी मोदी से जोड़ दिया जाता है, जबकि हमें उनके परिजनों की फ़िक्र करनी चाहिए। हमें राजनीति से अधिक ग्राउंड पर काम करने पर फोकस करना चाहिए। 15 लाख छात्रों को साइकिल खरीदने का पैसा देगी झारखंड सरकार, सीएम सोरेन का ऐलान फ्रांस से 26 राफेल और 3 स्कॉर्पीन पनडुब्बी खरीदेगा भारत, पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी 'बहुविवाह पर फ़ौरन प्रतिबंध..', UCC पर जारी बहस के बीच सीएम सरमा का बड़ा बयान, कांग्रेस से पुछा ये सवाल