अपनी वैज्ञानिक तकनीक और संस्कृति के लिए मशहूर जापान ने बीते मंगलवार यानी 21 जनवरी 2020 को क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट 'अंडर-19 वर्ल्ड कप' में पदार्पण किया. हालांकि 21 जनवरी को उनका सामना टूर्नामेंट की चार बार की विजेता और सबसे मजबूत 'टीम इंडिया' से हुआ. ऐसे में इस मैच से किसी को कोई उलटफेर या टक्कर की कोई उम्मीद नहीं थी. लेकिन नई-नवेली जापानी टीम के लिए यह दिन हार के बावजूद खास बन गया. उन्होंने पहली बार इतने बड़े स्तर पर विश्व विजेता टीम के साथ अपना पहला मैच खेला गया. टूर्नामेंट इतिहास का दूसरा कम स्कोर: वही मैच में जापानी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए टूर्नामेंट के इतिहास का दूसरा सबसे कम 41 रन का स्कोर बनाया. इस दौरान उनका कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाया और पांच बल्लेबाज तो अपना खाता भी नहीं खोल पाए. भारत की तरफ से अगर 19 अतिरिक्त रन नहीं दिए गए होते तो जापान अपने नाम सबसे कम स्कोर का रिकॉर्ड भी दर्ज करवा लेता. पूरे मैच में 28 ओवर से भी कम का खेल हुआ और भारतीय टीम ने 4.5 ओवर में ही दस विकेट से मैच जीत लिया. किस्मत से मिला वर्ल्ड कप खेलने का मौका: वैसे अगर एक घटना नहीं हुई होती तो जापान शायद ही अंडर-19 वर्ल्ड कप में भाग ले पाता. दरअसल क्रिकेट के खेल में तेजी से उभरती पापुआ न्यू गिनी की टीम की एक गलती ने ना सिर्फ उनको वर्ल्ड कप में नौंवीं बार भाग लेने से रोक दिया बल्कि जापान को पहली बार खेलने का मौका भी दे दिया. पापुआ न्यू गिनी के खिलाड़ियों ने की चोरी: आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि पिछले साल जून में पापुआ न्यू गिनी और जापान की टीम को रीजनल (क्षेत्रीय) क्वालीफ़ायर का फाइनल मुकाबला खेलना था लेकिन उसी दिन मैच से कुछ घंटे पहले पापुआ के दस खिलाड़ी टोक्यो के उत्तरी क्षेत्र सानो में दुकान से चोरी करते हुए पकड़े गए. इस पूरे वाकये के बाद टीम के खिलाड़ियों को उनके संघ ने बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद टीम के सिर्फ चार खिलाड़ी ही मैच खेलने के लिए योग्य बचे, ऐसे में टीम प्रबंधन को मैच नहीं खेलने का फैसला करना पड़ा. भारत में KTM ने लांच की अपनी नयी पावरफुल बाइक , BMW और कावासाकी को देगी टक्कर कप्तान रानी रामपाल ओलंपिक की तैयारियों पर बोली, कहा -'टीमों के खिलाफ अच्छा...' ऑस्ट्रेलियन ओपन: नडाल ने की शानदार जीत से शुरुआत, पहले दौर से शारापोवा हुई बहार