पीरियड्स के दौरान सावन सोमवार का व्रत करना चाहिए या नहीं?

सनातन धर्म में पीरियड्स को लेकर कई तरह के नियम बनाए गए हैं. इन नियमों के मुताबिक, महिलाओं को पीरियड्स के चलते पूजा पाठ करने या मंदिर जाने से मना किया जाता है. अक्सर महिलाओं के मन में व्रत के चलते पीरियड्स आने पर एक सवाल उठता है कि उन्हें अपना व्रत तोड़ देना चाहिए या पूरा करना चाहिए? ऐसे में आइए शास्त्रों के मुताबिक जानते हैं ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए?

हाइजीन और एनर्जी की कमी पुराने जमाने में कोई भी व्रत या पूजा बड़े अनुष्ठान या मंत्रोच्चार के बिना पूरी नहीं होती थी. जिसके लिए बहुत वक़्त तथा एनर्जी की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए पीरियड्स के दौरान व्रत रखने से मना किया जाता था. पुराने जमाने में पीरियड्स के चलते महिला के पास हाइजीन के लिए बहुत सारे पीरियड प्रोडक्ट्स नहीं हुआ करते थे. इसलिए महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में पूजा न करने की छूट दी गई थी. हालांकि मानसिक पूजा तथा जाप के लिए मनाही नहीं थी.

वैज्ञानिक कारण पीरियड्स के चलते महिलाओं को कई प्रकार के हार्मोनल परिवर्तनों के चलते काफी दर्द और थकान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए पीरियड में व्रत नहीं रखना चाहिए.

अब रख सकती हैं व्रत आज के वक़्त में पीरियड्स के दौरान हाइजीन तथा एनर्जी दोनों के लिए तमाम तरह के साधन हैं. ऐसे में यदि आपने कोई व्रत रखा है तथा उसके बीच में आपको पीरियड्स आ जाएं तो भी आप व्रत रख सकती हैं. व्रत रखें पर ध्यान रहें कि पूजा का कोई सामान आप ना छुएं। 

इन बातों का रखें ध्यान सावन में सोमवार का व्रत रखते वक़्त दिन में सोने के अतिरिक्त नमक के उपयोग से बचना चाहिए. 

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