कानपुर : जिस गंगा नदी के किनारे लोग डरते-डरते डुबकी लगाते है और जिस गंगा के कलकल की आवाज दूर-दूर तक सुनाई देती है, उसी गंगा के पानी को चीरकर नन्हीं जलपरी 500 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगी। अपनी तैराकी की प्रतिभा को देश भर में प्रदर्शित करने के उद्देश्य से जलपरी गंगा की धारा में उतर गई है। जिस जलपरी की बात यहां हो रही है उसका नाम 13 वर्ष की श्रद्धा शुक्ला है। श्रद्धा कानपुर के लोगों में भले ही लोकप्रिय है लेकिन सरकारी उपेक्षा से वह आहत भी है। उसे वह सब सुविधाएं अभी तक नहीं मिल सकी हे, जिसकी दरकार उस जैसी प्रतिभाशाली तैराक को मिलना चाहिये । उपेक्षा का शिकार श्रद्धा ने अब अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिये वह संकल्प ले लिया है, जो संभवतः अच्छे-अच्छे तैराक भी नहीं ले सकते है। श्रद्धा ऐसे समय गंगा नदी में तैरने के लिये उतरी है, जब बारिश के कारण गंगा उफान पर है, बावजूद इसके श्रद्धा ने हिम्मत दिखाई है। श्रद्धा के परिजनों ने बताया कि वह गंगा में तैरते हुये 570 किलोमीटर का सफर तय करेगी और इसके लिये उसे करीब 70 घंटे तक गंगा के तेज बहाव मंे तैरना होगा। हालांकि इस दौरान वह 6 स्थानों पर ठहरेगी भी। श्रद्धा के परिजनों के अनुसार उसने 4 वर्ष की उम्र से ही गंगा में तैरना शुरू कर दिया था। मालदा में गंगा नदी अभी भी खतरे के निशान से 26... नदी में समा गये 21 बस यात्री