यदि आपका कोई काम बनते - बनते बिगड़ जाता है, यदि मांगलिक कार्य नहीं हो पा रहे हैं या फिर किसी कार्य में सफलता नहीं मिल पा रही है तो फिर आपको देवप्रबोधनी एकादशी पर कुछ प्रयास करने होंगे। जिससे आपका वर्षभर अच्छा होगा। मान्यता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को यदि गन्ने का मंडप सजाकर भगवान श्री विष्णु का पूजन किया जाता है तो फिर किसी भी कार्य में बाधा नहीं आती है। भगवान विष्णु श्रद्धालु का सभी कार्य मंगल करते हें। देवप्रबोधनी एकादशी के दिन गन्ने का मंडप सजाकर विधिवत पूजन करने का विधान है। दरअसल यह किसी शुभकार्य के लिए और विवाह आदि कार्य के लिए अबूझ मुहूर्त है। इस तिथि को छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु चार मास के विश्राम से लौटते हैं और सृष्टि संचालन का अपना दायित्व संभालते हैं। चार मास वे क्षीरसागर में विश्राम करते हैं। उनकी अनुपस्थिति में भगवान शिव सृष्टि संचालन का जिम्मा संभालते हैं। देव प्रबोधनी का व्रत कर श्री विष्णु का पूजन करने वाले को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है और उसके सभी कार्य बन जाते हैं। हनुमानजी का संकट निवारण मन्त्र