उज्जैन : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। दरअसल संयोग से इस दिन मंगलवार है ऐसे में त्यौहार का उत्साह दुगना हो जाएगा और इसका धार्मिक महत्व बढ़ जाएगा। देशभर के श्री हनुमान मंदिरों में भगवान श्री राम के कीर्तन, रामायण पारायण, सुंदरकांड का पारायण और हनुमान जी की आराधना गूंजती सुनाई देगी। इस दिन श्री हनुमान जी के श्रद्धालु भगवान श्री हनुमान की भक्ति में रमे नज़र आऐंगे और बड़े पैमाने पर श्री हनुमान जी के मंदिरों में भंडारों का आयोजन होगा। कई स्थानों पर श्री हनुमान जी के भंडारे के लिए तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। कई स्थानों पर श्रद्धालु भक्तिभाव से एक दिन पूर्व ही पर्व की तैयारियों में जुट गए हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह दिन 11 अप्रैल को आएगा। इस दिन त्रेता युग जैसे ही दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। यह संयोग लगभग 120 वर्ष बाद आ रहा है। इस दिन अमृत योग का संयोग है साथ ही चित्रा नक्षत्र और गजकेसरी योग बन रहा है। ऐसे में इस दिन भगवान श्री हनुमान की आराधना करने वालों को विशेष फल मिलेगा। मंगल और शनि से पीड़ितों को भगवान श्री हनुमान के पूजन से राहत मिल सकती है। इस दिन यदि मानसिक तौर पर अस्वस्थ्य व्यक्ति की सेवा की जाए तो पुण्यलाभ मिल सकता है। यदि इस दिन भगवान श्री हनुमान जी को देशी घी के रोट का भोग लगाया जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं। श्री हनुमान जी को सिंदूरी रंग की लाल लंगोट समर्पित करने और भगवान श्री हनुमान जी का ध्वज छत पर लगाने से भी लाभ मिल सकता है। श्री हनुमान चालिसा का पाठ करना बजरंग बाण का पाठ करना और सुंदरकांड का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। भगवान श्री हनुमान को कलयुग में अष्ट चिरंजीव में से एक माना जाता है। इस कारण इनकी साधना का विशेष फल मिलता है। हनुमान जयंती के दिन भगवान का जन्म माना गया है ये माता अंजनि और पवन के पुत्र माने गए हैं। ये है हनुमान जयंती पर किये जाने वाले ख़ास उपाय हनुमान जयंती....उपाय करें तो मिले कृपा हनुमान जयंती के दिन चढ़ाये हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला