कोलोंबो. भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में पिछले डेढ़ महीने से भयंकर राजनैतिक संकट चल रहा है. दरअसल तक़रीबन डेढ़ महीने पहले, 26 अक्टूबर को श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरिसेना ने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को अचानक उनके पद से बर्खास्त कर के उनकी जगह राजपक्षे को नियुक्त कर दिया था. इसके बाद से इस बात को लेकर लगातार हंगामा हो रहा था और अब इस देश की एक उच्च अदालत ने इस मामले में एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसने राष्ट्रपति सिरिसेना को भी एक बड़ा झटका दिया है. एक साल में भारत की चौथी बड़ी डील, एक अरब डॉलर से खरीदेगा दो स्टील्थ युद्धपोत दरअसल श्रीलंका की एक उच्च अदालत ने हाल ही में इस मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एक अहम फैसला सुनाया है जिसके तहत अदालत ने देश के नए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद पर बैठने और बतौर प्रधानमंत्री काम करने से रोक दिया है. श्रीलंका की ही एक प्रसिद्ध समाचार एजेंसी ने हाल ही में पेश की अपनी एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका की एक अपीलीय अदालत ने देश के नए प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनकी सरकार के खिलाफ एक नोटिस जारी किया है. हॉकी विश्वकप: भारतीय टीम ने कैसे रोका बेल्जियम को, कोच ने बताया सच इस नोटिस में कोर्ट ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनकी सरकार को अंतरिम आदेश देते उन्हें देश में बतौर प्रधानमंत्री, कैबिनेट और उपमंत्रियों के पद पर काम करने से रोक दिया है. आपको बता दें कि राजपक्षे और उनकी सरकार के खिलाफ के खिलाफ यह याचिका श्रीलंका के 122 सांसदों ने दाखिल की थी. ख़बरें और भी UN के पूर्व प्रमुख बोले- यदि प्रतिबन्ध हटाना हो तो परमाणु हथियार नष्ट करे उत्तर कोरिया जलवायु परिवर्तन: UN प्रमुख बोले- दुनिया बर्बाद हो जाये इससे पहले कुछ करना होगा करतापुर कॉरिडोर : ‘गुगली’ वाले बयान पर हंगामा, अब इमरान भी उतरे मैदान में